Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर इस विधि से करें लड्डू गोपाल का शृंगार, पूजा होगी सफल

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 10:45 AM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 10 अगस्त से भाद्रपद माह की शुरुआत हो गई है। सनातन धर्म में इस माह का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस अवसर पर लड्डू गोपाल का शृंगार किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करें लड्डू गोपाल का शृंगार।

    Hero Image
    Janmashtami 2025: लड्डू गोपाल की शृंगार विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है और भक्त लड्डू गोपाल का विशेष शृंगार कर पूजा-अर्चना करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, लड्डू गोपाल की उपासना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी मुरादें पूरी होती हैं। अगर आप भी लड्डू गोपाल को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ऐसे में आइए आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि कैसे करें लड्डू गोपाल का (laddu gopal shringar vidhi) शृंगार।

    जन्माष्टमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Shri Janmashtami 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को देर रात 11 बजकर 49 मिनट पर होगी। वहीं, तिथि का समापन 16 अगस्त को रात 09 बजकर 34 मिनट पर होगा। ऐसे में 15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। 16 अगस्त की रात को 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इस दौरान भगवान कृष्ण की उपासना कर सकते हैं।

    यह भी पढ़ें- Janmashtami 2025: जन्माष्टमी से पहले घर लाएं ये चीजें, मिलेगी कान्हा जी की कृपा

    लड्डू गोपाल शृंगार विधि (Laddu Gopal Shringar Vidhi)

    जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करें और पंचामृत, गंगाजल से लड्डू गोपाल को स्नान करवाएं। वस्त्र पहनाकर चंदन का लेप लगाएं। मुकुट,मुरली, मोर पंख, हार, करधनी, बांसुरी और फूलमाला अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और माखन-मिश्री, पंजीरी का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करें।

    भगवान कृष्ण के मंत्र -

    • ॐ कृष्णाय नमः
    • ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
    • ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
    • ओम क्लीम कृष्णाय नमः
    • गोकुल नाथाय नमः
    • ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
    • हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
    • ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

    यह भी पढ़ें- Krishna Janmashtami 2025 Date: दो दिन क्यों पड़ रही है जन्माष्टमी? डेट से लेकर पूजा विधि तक, दूर करें सारी कन्फ्यूजन

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।