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    Krishna Janmashtami 2025 Date: इस साल कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी? नोट करें पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 06 Aug 2025 02:59 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान कृष्ण का अवतरण हुआ है। इसके लिए हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा करने वाले साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

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    Krishna Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण दिवस मनाया जाता है। यह पर्व देश भर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बांके बिहारी कृष्ण कन्हैया लाल की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही भक्त जन भगवान कृष्ण के निमित्त व्रत रखते हैं।

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    धार्मिक मत है कि भगवान कृष्ण की पूजा एवं भक्ति करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही भगवान कृष्ण सारथी के रूप में भूमिका निभाकर साधक का मार्ग प्रशस्त करते हैं। लीलाधारी भगवान कृष्ण की कृपा से साधक के जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर हो जाती है। आइए, कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2025) एवं पूजा समय जानते हैं-

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Janmashtami Puja Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 अगस्त को देर रात 11 बजकर 49 मिनट पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू होगी। वहीं, 16 अगस्त को रात 09 बजकर 34 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा। भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ है। इसके लिए भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मध्य रात्रि में मनाया जाता है।

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    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा समय

    सामान्य जन 15 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। इस शुभ अवसर पर साधक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। वहीं, 16 अगस्त (अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार) की रात को 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट के मध्य पूजा का समय है। साधक इस दौरान जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा करेंगे।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजे
    • चन्द्रोदय- रात 10 बजकर 46 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 07 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजे से 07 बजकर 22 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।