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    Guru Ravidas ने असमानता के खिलाफ उठाई थी आवाज, जानें इनके जीवन से जुड़ी विशेष बातें

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 04:18 PM (IST)

    हर साल माघ माह की पूर्णिमा को गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti 2025) के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के दिन गुरु रविदास जी के अनमोल विचारों को याद किया जाता है। गुरु रविदास जी महान संत और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने जीवन के दौरान जाति-पाति के खिलाफ आवाज उठाई। साथ ही उन्होंने लोगों को सत भक्ति करने का संदेश दिया।

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    Guru Ravidas Jayanti 2025: गुरु रविदास जयंती से जुड़ी विशेष बातें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्राचीन समय में गुरु रविदास एक महान संत और समाज सुधारक थे। हर साल माघ पूर्णिमा के दिन गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष रविदास जयंती 12 फरवरी (Ravidas Jayanti 2025 Date) के दिन मनाई जाएगी। गुरु रविदास (Guru Ravidas Jayanti 2025) जी ने समाज में उत्पन्न मतभेद और समाज की उन्नति के लिए अपना अहम योगदान दिया। आज के समय में भी गुरु रविदास जी के योगदान और अनमोल विचारों को याद किया जाता है।

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    उनके द्वारा दी गई को शिक्षाओं को लोग अपने जीवन में अपनाते हैं। उनकी शिक्षाओं ने प्रभु की उपासना और धार्मिक एकता में वृद्धि के लिए प्रेरित किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरु रविदास जी हिंदू और सिख धर्म के प्रति अपना श्रद्धा भाव रखते थे। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं गुरु रविदास जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

     

    रविदास जी का कब और कहां हुआ जन्म?

    माना जाता है कि रविदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी माघ पूर्णिमा को वर्ष 1377 में हुआ था। इसी वजह से माघ पूर्णिमा की शुभ तिथि पर रविदास जयंती का पर्व मनाया जाता है। उनके पिता जूते बनाने का काम किया करते थे। गुरु रविदास जी ने अपने जीवन के दौरान शिक्षा और ज्ञान पर अधिक जोर दिया है।

    समाज सुधार में भी दिया अपना खास योगदान

    गुरु रविदास जी का शिक्षा के अलावा समाज सुधार में भी खास योगदान देखने को मिलता है। गुरु रविदास जी ने समाज में उत्पन्न हो रहे मतभेद को खत्म और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए आवाज उठाई और इस विषय के बारे में लोगों को जागरूक किया था।  

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    कैसे बने शिरोमणि?

    एक बार संत रविदास के पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था, जिसके बाद वह एक कुटिया में रहकर साधु-संतों की सेवा करते थे और जूते-चप्पल बनाते थे। वह भक्ति आंदोलन में भी शामिल हुए। समय बीतने के साथ ही लोग उनके विचारों से प्रभावित होने लगे और उनके अनुयायियों की संख्या में वृद्धि होने लगी। इसी के साथ गुरु रविदास शिरोमणि के रूप में प्रसिद्ध हुए।  

    गुरु रविदास जी के अनमोल विचार

    • भगवान उस इंसान के ह्रदय में वास करते हैं जहां किसी भी तरह का बैर भाव नहीं होता है। इसके अलावा न ही किसी तरह का लालच या द्वेष नहीं होता है।
    • कोई जातक जन्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन वो अपने कर्मों से बड़ा-छोटा होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।