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    Guru Ravidas Jayanti 2025: फरवरी में कब मनाई जाएगी गुरु रविदास जयंती, समाज सुधार में रहा बड़ा योगदान

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 06:16 PM (IST)

    भारत में ऐसे कई महान संतों ने जन्म लिया है जिन्हें उनके योगदान के लिए आज तक याद किया जाता है। ऐसे ही एक संत गुरु रविदास भी हैं। वह कवि होने के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में समाज में फैली बुराईयों और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। ऐसे में चलिए जानते हैं कि फरवरी के महीने में गुरु रविदास जयंती कब मनाई जाएगी।

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    Guru Ravidas Jayanti 2025 गुरु रविदास जी के महत्वपूर्ण योगदान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।  15वीं शताब्दी के महान संतों में से एक रहे रविदास जी द्वारा लिखित दोहे आज भी लोगों की जुबान पर हैं। समाज की उन्नति के लिए किया गया उनका योगदान आज भी सहायनीय है। उन्होंने समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

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    हर साल गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti 2025 Date) को बडे़ ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। रविदास जी का पूरा जीवन भक्ति व ज्ञान के लिए समर्पित रहा। ऐसे में चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

    कब और कहां हुआ जन्म

    संत रविदास के जन्म को लेकर कई मत हैं, जिसमें से सबसे प्रचलित मत यह है कि रविदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मोची परिवार में हुआ था। उनके जन्म को लेकर एक दोहा भी मिलता है, जो  इस प्रकार है -

    चौदस सो तैंसीस कि माघ सुदी पन्दरास. दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री गुरु रविदास

    इस दोहे में कहा गया है कि माघ माह की पूर्णिमा तिथि के दिन संत रविदास का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इसी तिथि पर गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है। ऐसे में इस साल माघ पूर्णिमा यानी बुधवार, 12 फरवरी, 2025 को गुरु रविदास जी की जयंती मनाई जाएगी।

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    दिए कई महत्वपूर्ण योगदान

    रविदास जी का 15वीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन में बड़ा योगदान रहा। यह उस समय का एक बड़ा आध्यात्मिक आंदोलन था, जिसने भक्ति का प्रचार करने के साथ-साथ समाज सुधार का भी काम किया। उन्होंने अपने जीवन में कई गीत, दोहे और भजनों की रचना की, जो आज के समय में भी मानव मात्र को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं।

    उनकी रचनाओं में आत्मनिर्भरता, सहिष्णुता और एकता का संदेश मिलता है। इन्होंने अपनी रचनाओं में समाज से जातिवाद, भेदभाव और समाजिक असमानता के भाव को हटाकर भाईटारे और सहिष्णुता का भाव अपनाने के संदेश दिया, जिसका उस समय के लोगों पर काफी सकारात्मक असर पड़ा था। इसी के साथ गुरु रविदास जी ने शिक्षा के विशेष जोर दिया। विख्यात संत मीराबाई भी रविदास जी को ही अपना गुरु मानती थीं।

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    अन्य खास बातें

    गुरु रविदास जी की प्रसिद्धि केवल हिंदू धर्म के लोगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सिख धर्म के लोग भी इनके प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं। रविदास जी की 41 कविताओं को सिखों के पवित्र ग्रंथ, गुरुग्रंथ साहिब में स्थान मिला हुआ  है।