Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jyeshtha Purnima 2024: इन 6 शुभ योग में मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 26 May 2024 10:00 PM (IST)

    धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही आय सुख सौभाग्य यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। इस अवसर पर चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। साथ ही संध्याकाल में चावल की खीर भगवान शिव को भोग में अर्पित किया जाता है।

    Hero Image
    Jyeshtha Purnima 2024: इन 6 शुभ योग में मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Purnima 2024: हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। तदनुसार, जून महीने में ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। साथ ही श्री सत्यनारायण देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही आय, सुख, सौभाग्य, यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। इस अवसर पर चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। साथ ही संध्याकाल में चावल की खीर भगवान शिव को भोग में अर्पित किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर एक साथ कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व


    कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा ?

    ज्योतिष गणना के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जून को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 22 जून को सुबह 06 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 21 जून को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। वहीं, 22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा है। इस दिन स्नान-दान किया जाएगा। साथ ही श्री सत्यनारायण पूजा की जाएगी।

    शुक्ल योग

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर दुर्लभ शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग संध्याकाल 04 बजकर 45 मिनट तक है। ज्योतिष शुक्ल योग को शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और धन में वृद्धि होती है।

    शिववास योग

    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 38 मिनट से हो रहा है। शिववास योग 23 जून को सुबह 05 बजकर 12 मिनट तक है। इस समय में स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा-उपासना कर सकते हैं। शिववास योग में महादेव का अभिषेक करने से घर में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली का आगमन होता है।

    ब्रह्म योग

    ज्येष्ठ पूर्णिमा पर संध्याकाल में ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 46 मिनट से हो रहा है। ब्रह्म योग रात्रि भर है। ज्योतिष ब्रह्म योग को भी शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

    करण

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर तीन मंगलकारी करण का निर्माण हो रहा है। इस दिन सबसे पहले बव करण का निर्माण हो रहा है। इसके बाद बालव करण का संयोग बन रहा है। वहीं, अंत में कौलव करण का निर्माण हो रहा है। तीनों करण शुभ कार्यों को शुरू करने के लिए उत्तम माने जाते हैं।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

    चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 04 मिनट पर

    चंद्रास्त- नहीं

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।