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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत की पूजन सामग्री, नियम और भोग से लेकर यहां जानें सभी बातें

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 08:50 AM (IST)

    जितिया व्रत Jitiya Vrat 2025) संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। यह तीन दिन तक चलता है। इस साल जितिया व्रत 14 सितंबर यानी आज के दिन रखा जा रहा है। इस दिन व्रत में कोई गलती न हो इसलिए आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जितिया व्रत को बहुत फलदायी माना जाता है। यह माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए रखती हैं। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है, जो बहुत कठिन माना जाता है। इस साल जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) 14 सितंबर 2025, दिन रविवार यानी आज के दिन रखा जा रहा है। ऐसे में आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, ताकि पूजन में किसी भी तरह की दिक्कत न हो।

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    पूजन सामग्री

    • पूजा के लिए भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा
    • जीमूतवाहन को अर्पित करने के लिए कुश से बनी मूर्ति
    • पीले रंग का वस्त्र
    • फूल, फल, धूप, दीप और प्रसाद
    • तांबे के लोटे में जल
    • मिट्टी का दिया और बाती
    • ठेकुआ, पूड़ी, खीर और अन्य पारंपरिक पकवान
    • अक्षत, रोली और चंदन
    • गंगाजल
    • कथा की पुस्तक आदि।
    • जितिया व्रत के नियम

     नियम 

    • नहाय-खाय - व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और विधिवत पूजा करना चाहिए। इसके बाद केवल सात्विक भोजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं मड़ुआ की रोटी और नोनी का साग खाती हैं।
    • निर्जला व्रत (दूसरा दिन) - यह व्रत का सबसे कठिन दिन होता है। इस दिन महिलाएं 24 घंटे से अधिक समय तक बिना पानी और भोजन के रहती हैं। इस दिन शाम को पूजा की जाती है और व्रत कथा सुनी जाती है।
    • पारण (तीसरा दिन) - तीसरे दिन सूर्योदय के बाद भोग से व्रत का पारण करें। इसके बाद पारंपरिक भोजन जैसे ठेकुआ, चावल और अन्य पकवान खाए जाते हैं।

    भोग और प्रसाद

    जितिया व्रत में ठेकुआ का विशेष महत्व है। ठेकुआ के अलावा खीर, पूड़ी, मौसमी फल प्रसाद आदि भोग के रूप में चढ़ाए जाते हैं। माना जाता है कि इन्हें भोग में शामिल करने से व्रत का पूरा फल मिलता है और संतान के जीवन में खुशहाली आती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।