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    Jitiya Vrat 2025: इन खास भोग के बिना जितिया व्रत है अधूरा, प्रसाद में जरूर करें शामिल

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 09:50 AM (IST)

    जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) को बहुत ही शुभ माना गया है। यह तीन दिनों तक चलता है और इसमें निर्जला उपवास का विधान है। वहीं इस व्रत में कुछ खास भोग को शामिल करने से व्रत का फल बढ़ जाता है और भगवान जीमूतवाहन खुश होते हैं तो आइए उन भोग के बारे में जानते हैं।

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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत के भोग में इन चीजों को जरूर करें शामिल।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह उपवास संतान की सुरक्षा के लिए रखा जाता है। यह (Jitiya Vrat 2025) व्रत तीन दिनों तक चलता है, जिसमें निर्जला उपवास रखने का विधान है। इस व्रत में पूजा के साथ-साथ प्रसाद का भी खास महत्व है। कुछ ऐसे पारंपरिक भोग हैं, जिनके बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।

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    इन खास भोग को प्रसाद में शामिल करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है, तो आइए इन दिव्य भोग के बारे में जानते हैं।

    जितिया व्रत के भोग (Jitiya Vrat 2025 Bhog List)

    ठेकुआ

    ठेकुआ जितिया व्रत का सबसे महत्वपूर्ण और पारंपरिक प्रसाद है। ठेकुआ न केवल पूजा का अहम हिस्सा है, बल्कि यह प्रसाद के रूप में भी प्रमुख है। मान्यता है कि ठेकुआ भगवान जीमूतवाहन को विशेष रूप से प्रिय है। इसे प्रसाद में शामिल करने से व्रत सफलतापूर्वक पूरा होता है और संतान पर भगवान की कृपा बनी रहती है।

    पूड़ी और खीर

    पूड़ी और खीर का भोग लगभग हर शुभ कार्य में शामिल किया जाता है। जितिया व्रत के प्रसाद में भी इनका खास स्थान है। पूड़ी और खीर का भोग लगाने से जीमूतवाहन खुश होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

    फल और मिठाई

    फलों का प्रसाद भी जितिया व्रत का एक अहम हिस्सा है। व्रत में मौसमी फल जैसे सेब, केला, नाशपाती और अनार चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, कोई भी पारंपरिक मिठाई जैसे लड्डू, पेड़ा या बर्फी भी प्रसाद में शामिल की जा सकती है। फल और मिठाई का भोग लगाने से पूजा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

    प्रसाद बनाने में न करें ये गलतियां

    • साद हमेशा साफ-सुथरे और पवित्र हाथों से बनाना चाहिए।
    • प्रसाद बनाने में लहसुन, प्याज या किसी भी तामसिक सामग्री का उपयोग न करें।
    • प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री अच्छी होनी चाहिए।
    • प्रसाद बनाने के बाद इसे सबसे पहले भगवान को अर्पित करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।