Jitiya vrat 2025 Date: किस दिन मनाया जाएगा जितिया व्रत? यहां जानें शुभ मुहूर्त और योग
सनातन धर्म में आश्विन माह का खास महत्व है। आश्विन माह का कृष्ण पक्ष पितरों को समर्पित होता है। वहीं शुक्ल पक्ष जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही नवरात्र का व्रत रखा जाता है। जितिया व्रत (Jitiya vrat 2025 Date) कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत नेपाल के कई हिस्सों में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति और पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।
धार्मिक मत है कि जितिया व्रत करने से पुत्र की आयु लंबी होती है। साथ ही पुत्र तेजस्वी और ओजस्वी होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रख जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा करती हैं। इस समय जीमूतवाहन की कथा का पाठ किया जाता है। आइए, जितिया व्रत की सही डेट, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी । वहीं, इस तिथि का समापन 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर होगा। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस प्रकार 14 सितंबर को जितिया व्रत मनाया जाएगा।
जितिया व्रत शुभ योग (Jitiya Vrat Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि और शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत के नाथ भगवान कृष्ण की पूजा करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होगी।
शिववास योग
जितिया व्रत पर शिववास योग का संयोग दिन भर है। वहीं, शिववास योग का समापन 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट तक है। इस योग में व्रती जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण और शिवजी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट पर
- चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर
- चंद्रास्त- दोपर 01 बजकर 11 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक
यह भी पढ़ें- Hariyali Amavasya पर तर्पण के समय जरूर करें ये खास उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
यह भी पढ़ें- Pitru Dosh Upay: पितृ दोष का कर रहे हैं सामना, तो Sawan में इन जगहों पर जलाएं, समस्या होगी दूर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।