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    Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत की इस आरती से घर में गूंजेगी किलकारी, नोट करें पारण का शुभ मुहूर्त

    Updated: Wed, 25 Sep 2024 09:34 AM (IST)

    जितिया व्रत को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा के लिए कठिन उपवास रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं। इस व्रत (Jitiya Vrat 2024 Date) को लेकर कई महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं जिनका पालन अवश्य करना चाहिए तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख (Jitiya Vrat 2024 Vrat Aarti) बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

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    Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत पारण समय और आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जितिया व्रत का एक हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस शुभ दिन पर महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए निर्जला व्रत रखती और विधिपूर्वक पूजा-पाठ करती हैं। इस पर्व को जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। इस बार यह व्रत आज यानी 25 सितंबर को किया जा रहा है।

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    इस दिन (Jitiya Vrat 2024) की पूजा का समापन विधिवत आरती करने के बाद करना चाहिए, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

    जितिया व्रत पारण का समय (Jitiya Vrat Parana Samay)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आज यानी 25 सितंबर को किया जा रहा है। वहीं, इसका पारण अगले दिन यानी 26 सितंबर को को सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 23 मिनट के बीच किया जा सकता है।

    शिव जी स्तुति

    कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

    सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

    जितिया व्रत आरती (Jitiya Vrat Aarti In Hindi)

    ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।

    त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...

    सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

    दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....

    सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।

    अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...

    सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।

    विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...

    कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

    सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...

    नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।

    वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...

    सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

    हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...

    ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।

    यह भी पढ़ें: Jitiya Vrat 2024 Katha: संतान की रक्षा के लिए जरूरी है जितिया व्रत कथा का पाठ, इसके बिना अधूरी है पूजा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।