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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में करें ये काम, जीवन में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 08:48 AM (IST)

    जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) बहुत पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है जिसमें माताएं निर्जला उपवास रखती हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में इस व्रत के दौरान शिव जी के 108 नामों का जाप जरूर करें जो इस प्रकार हैं -

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    Jitiya Vrat 2025: भगवान शिव के 108 नाम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में जितिया व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए रखती हैं। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है और इसमें निर्जला उपवास रखा जाता है। वहीं, इस दिन शिव पूजन से काफी ज्यादा लाभ मिलते हैं। ऐसे में इस दिन (Jitiya Vrat 2025) सुबह उठें और स्नान करें। फिर भोलेनाथ के सामने दीपक जलाएं। उन्हें बिल्व पत्र, सफेद फूल और खीर अर्पित करें।

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    इसके बाद शिव जी के 108 नामों जाप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही शिव जी खुश होते हैं।

    ।।भगवान शिव के 108 नाम।।

    • ॐ महाकाल नमः
    • ॐ रुद्रनाथ नमः
    • ॐ भीमशंकर नमः
    • ॐ नटराज नमः
    • ॐ प्रलेयन्कार नमः
    • ॐ चंद्रमोली नमः
    • ॐ डमरूधारी नमः
    • ॐ चंद्रधारी नमः
    • ॐ भोलेनाथ नमः
    • ॐ कैलाश पति नमः
    • ॐ भूतनाथ नमः
    • ॐ नंदराज नमः
    • ॐ नन्दी की सवारी नमः
    • ॐ ज्योतिलिंग नमः
    • ॐ मलिकार्जुन नमः
    • ॐ भीमेश्वर नमः
    • ॐ विषधारी नमः
    • ॐ बम भोले नमः
    • ॐ विश्वनाथ नमः
    • ॐ अनादिदेव नमः
    • ॐ उमापति नमः
    • ॐ गोरापति नमः
    • ॐ गणपिता नमः
    • ॐ ओंकार स्वामी नमः
    • ॐ ओंकारेश्वर नमः
    • ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
    • ॐ भोले बाबा नमः
    • ॐ शिवजी नमः
    • ॐ शम्भु नमः
    • ॐ नीलकंठ नमः
    • ॐ महाकालेश्वर नमः
    • ॐ त्रिपुरारी नमः
    • ॐ त्रिलोकनाथ नमः
    • ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
    • ॐ बर्फानी बाबा नमः
    • ॐ लंकेश्वर नमः
    • ॐ अमरनाथ नमः
    • ॐ केदारनाथ नमः
    • ॐ मंगलेश्वर नमः
    • ॐ अर्धनारीश्वर नमः
    • ॐ नागार्जुन नमः
    • ॐ जटाधारी नमः
    • ॐ नीलेश्वर नमः
    • ॐ जगतपिता नमः
    • ॐ मृत्युन्जन नमः
    • ॐ नागधारी नमः
    • ॐ रामेश्वर नमः
    • ॐ गलसर्पमाला नमः
    • ॐ दीनानाथ नमः
    • ॐ सोमनाथ नमः
    • ॐ जोगी नमः
    • ॐ भंडारी बाबा नमः
    • ॐ बमलेहरी नमः
    • ॐ गोरीशंकर नमः
    • ॐ शिवाकांत नमः
    • ॐ महेश्वराए नमः
    • ॐ महेश नमः
    • ॐ संकटहारी नमः
    • ॐ महेश्वर नमः
    • ॐ रुंडमालाधारी नमः
    • ॐ जगपालनकर्ता नमः
    • ॐ पशुपति नमः
    • ॐ संगमेश्वर नमः
    • ॐ दक्षेश्वर नमः
    • ॐ घ्रेनश्वर नमः
    • ॐ मणिमहेश नमः
    • ॐ अनादी नमः
    • ॐ अमर नमः
    • ॐ आशुतोष महाराज नमः
    • ॐ विलवकेश्वर नमः
    • ॐ अचलेश्वर नमः
    • ॐ ओलोकानाथ नमः
    • ॐ आदिनाथ नमः
    • ॐ देवदेवेश्वर नमः
    • ॐ प्राणनाथ नमः
    • ॐ शिवम् नमः
    • ॐ महादानी नमः
    • ॐ शिवदानी नमः
    • ॐ अभयंकर नमः
    • ॐ पातालेश्वर नमः
    • ॐ धूधेश्वर नमः
    • ॐ सर्पधारी नमः
    • ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
    • ॐ हठ योगी नमः
    • ॐ विश्लेश्वर नमः
    • ॐ नागाधिराज नमः
    • ॐ सर्वेश्वर नमः
    • ॐ उमाकांत नमः
    • ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
    • ॐ त्रिकालदर्शी नमः
    • ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
    • ॐ महादेव नमः
    • ॐ गढ़शंकर नमः
    • ॐ मुक्तेश्वर नमः
    • ॐ नटेषर नमः
    • ॐ गिरजापति नमः
    • ॐ भद्रेश्वर नमः
    • ॐ त्रिपुनाशक नमः
    • ॐ निर्जेश्वर नमः
    • ॐ किरातेश्वर नमः
    • ॐ जागेश्वर नमः
    • ॐ अबधूतपति नमः
    • ॐ भीलपति नमः
    • ॐ जितनाथ नमः
    • ॐ वृषेश्वर नमः
    • ॐ भूतेश्वर नमः
    • ॐ बैजूनाथ नमः
    • ॐ नागेश्वर नमः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।