Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर रवि योग समेत बन रहे हैं कई संयोग, कारोबार को मिलेगा नया आयाम
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। अतः भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है। साधक विशेष कार्य में सफलता पाने के लिए चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2025) पर व्रत भी रखते हैं। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में वर्णित है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। बड़ी संख्या में भक्तगण चतुर्थी तिथि पर देव दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर रवि योग (Vinayak Chaturthi 2025 Yog) समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 09 बजकर 09 मिनट पर होगा। यह गणना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है। अतः 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
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विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष रवि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। अगर आप भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते हैं, तो रवि योग में गणपति बप्पा की पूजा अवश्य करें। विनायक चतुर्थी पर रवि योग सुबह 07 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 22 मिनट तक है। इस दौरान भगवान गणेश की उपासना कर सकते हैं।
सिद्धि योग
इसके साथ ही विनायक चतुर्थी के दिन सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रहा है, जो रात्रि भर है। इसके साथ ही धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होगा।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 09 बजकर 09 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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