Janmashtami के दिन व्रत के साथ-साथ जरूर करें ये काम, बरसेगी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा
भगवान श्रीकृष्ण प्रभु श्रीहरि के आठवें अवतार हैं जिनका जन्म भाद्रपद में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था। पंचांग के अनुसार इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 15 अगस्त को मनाया जा रहा है। आप इस दिन पर व्रत करने के साथ-साथ यह कार्य करके भी कान्हा जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2025) के दिन व्रत करना बहुत ही शुभ माना जाता है। व्रत के साथ-साथ इन कार्यों से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जरूर करना चाहिए। इससे आपको जीवन में अद्भुत लाभ देखने को मिल सकते हैं।
बनी रहेगी दया दृष्टि
इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करना चाहिए। इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करेंं। साथ ही आप भगवान श्रीकृष्ण के इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। ऐसा करने से कान्हा जी की दया दृष्टि आपक ऊपर बनी रहती है।
1. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे"
2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
3. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
जरूर करें ये काम
जन्माष्टमी के दिन श्रीमद्भगवत गीता का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्ण की कृपा की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। आप इस दिन पर अपनी श्रद्धा के अनुसार, गीता के किसी भी अध्याय का पाठ कर सकते हैं।
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मिलेगी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा
जन्माष्टमी के दिन तुलसी में जल जरूर अर्पित करें। बस इस बात का ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं किया जाता। वहीं शाम को तुलसी के समक्ष गाय के घी का दीपक जलाएं।
इसके साथ ही ॐ वासुदेवाय नम: मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। साथ ही इस दिन लड्डू गोपाल के भोग में तुलसी दल शामिल करना न भूलें, क्योंकि तुलसी के बिना कान्हा जी का भोग अधूरा माना जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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