Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Janmashtami की शाम को तुलसी के पास जरूर करें ये काम, मिलेगी मुरलीधर की कृपा

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 10:19 AM (IST)

    भगवान विष्णु को तुलसी दल अति प्रिय हैं। वहीं भगवान श्रीकृष्ण प्रभु श्रीहरि के आठवें अवतार हैं। ऐसे में उनकी पूजा में भी तुलसी दल का इस्तेमाल करना बहुत ...और पढ़ें

    Shri krishna janmashtami 2025 कैसे करें कान्हा जी को प्रसन्न?
    Zodiac Wheel

    वार्षिक राशिफल 2026

    जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला नया साल।

    अभी पढ़ें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसे में आज यानी 16 अगस्त के दिन देशभर में जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन अगर आप तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिलेगी कान्हा जी की कृपा

    जन्माष्टमी की शाम को तुलसी के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके बाद तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें और सुख-समृद्धि की कामना करें। साथ ही तुलसी माता के मंत्रों का जप व आरती करें। ऐसा करने से साधक पर तुलसी जी के साथ-साथ प्रभु श्रीहरि की कृपा भी बनी रहती है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    करें इन मंत्रों का जप

    जन्माष्टमी की शाम को तुलसी पूजन के दौरान तुलसी माता के इन मंत्रों का जप भी जरूर करना चाहिए-

    तुलसी स्तुति मंत्र -

    देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

    तुलसी नामाष्टक मंत्र -

    वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

    पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

    एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

    य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

    (Picture Credit: Freepik)

    जरूर करें ये काम

    जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को भोग लगाते समय तुलसी दल का उपयोग जरूर करें, क्योंकि तुलसी के बिना कान्हा जी का भोग अधूरा माना गया है। तुलसी अर्पित करते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप भी करें।

    रखें इन नियमों का ध्यान

    तुलसी से जुड़े नियमों का ध्यान भी जरूर रखना चाहिए, ताकि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि रविवार या एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए।

    सूर्यास्त के बाद भी तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए। इसके बात का भी ध्यान रखें कि तुलसी को कभी भी नाखून की मदद से नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन इन सभी नियमों का ध्यान जरूर रखें।

    यह भी पढ़ें - Janmashtami 2025: कान्हा की भव्य आरती से बनाएं जन्माष्टमी को खास, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    यह भी पढ़ें - Janmashtami 2025 Wishes: नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की... इन संदेशों से भेजें जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।