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    Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज की पूजा में शामिल करना न भूलें ये चीजें, नोट करें सामग्री लिस्ट

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 10:43 AM (IST)

    हरियाली तीज के दिन विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से साधक को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं हरियाली तीज की सामग्री लिस्ट (hariyali Teej 2025 puja samagri)।

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    Hariyali Teej 2025 हरियाल तीज की पूजा में शामिल करें ये चीजें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज मनाई जाती है। ऐसे में इस साल यह पर्व रविवार, 27 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यदि आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत कर रहीं है, तो हरियाली तीज की पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें, ताकि आपको पूजा व व्रत का पूर्ण फल मिल सके।

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    हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej Importance)

    हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनः मिलन के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि सावन शुक्ल तृतीया पर ही भगवान शिव ने माता पार्वती की कठोर तपस्या के बाद उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस दिन पर महिलाओं के बीच 16 शृंगार करने, हरे रंग के कपड़े और चूड़ी पहनने व झूला झूलने का प्रचलन है। 

    जरूर शामिल करें (hariyali Teej puja samagri)

    • पीला वस्त्र, नए वस्त्र
    • बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते
    • कच्चा सूत
    • केले के पत्ते, आक का फूल
    • जटा वाला नारियल
    • कलश, पूजा की चौकी
    • सुपारी, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर
    • धूप, श्रीफल, जनेऊ, चंदन
    • गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत
    • पांच प्रकार के फल, मिठाई
    • माता पार्वती के लिए सोलह शृंगार की सामग्री

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    हरियाली तीज पूजा विधि (hariyali Teej puja vidhi)

    सुबह उठकर भगवान शंकर और माता पार्वती का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम के समय 16 श्रृंगार करें और हरे रंग के वस्त्र धार्ण करें। इसके बाद पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें और एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर बगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

    सबसे पहले भगवान श्रीगणेश का ध्यान करें और अपनी पूजा और व्रत को सफल करने की कामना करें। अब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की सामग्री अर्पित करें और भोग लगाएं। माता पार्वती को सोलह शृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करें। अंत में कथा का पाठ करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।