हरियाली तीज का चंद्रमा से है संबंध, जानिए इस दिन आपको क्या करना चाहिए
हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई को है जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए व् ...और पढ़ें

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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) का व्रत इस साल 27 जुलाई को रखा जाएगा। पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं।
वहीं, कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए मां पार्वती और शिव जी की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। इस दिन कन्याएं और महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। यह सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि महिलाओं के अंतर्मन और प्रकृति के बीच की सूक्ष्म ऊर्जा के सामंजस्य की प्रतीक भी है।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास बताते हैं कि इस दिन किसी भी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए या मनचाहा वर के लिए गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।

चंद्रमा का है बड़ महत्व
इस व्रत में चंद्रमा का बड़ा महत्व है। क्योंकि वह मन, विचार, भावनाओं और कल्पनाशीलता का कारक होता है। इस दिन के उपायों से न सिर्फ मन मजबूत होता है, बल्कि उसे नियंत्रित करना भी जरूरी होता है। इसीलिए महिलाएं निर्जला यह व्रत करते हुए रातभर जागरण करती हैं।
मन को बाहरी दुनिया से हटाकर देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती की उपासना करते हुए प्रकृति से जुड़ने का यह समय कथा और भक्ति, भजन जैसे कार्यों से मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
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तीज के दिन करें से उपाय
दांपत्य जीवन में मधुरता को बढ़ाना चाहते हैं, तो हरियाली तीज के दिन गंगाजल में शहद और इत्र मिलाकर अभिषेक करें।
भौतिक सुखों को बढ़ाने के लिए हरियाली तीज के दिन दही से महादेव का अभिषेक करें। इससे शुक्र और चंद्रमा दोनों मजबूत होते हैं।
पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने के लिए हरियाली तीज के दिन पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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