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    Sawan Amavasya 2025: 23 या 24 जुलाई, कब है हरियाली अमावस्या? एक क्लिक में नोट करें सही डेट

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 17 Jul 2025 01:50 PM (IST)

    गरुड़ पुराण में निहित है कि अमावस्या (Sawan Amavasya 2025) तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक दान पुण्य भी करते हैं। सावन महीने में रोजाना दान करना शुभ माना जाता है।

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    Sawan Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन महीने का खास महत्व है। यह महीना बेहद पावन होता है। इस महीने में रोजाना देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार समेत विशेष शुभ अवसर पर साधक शिव-पार्वती के निमित्त व्रत रखते हैं।

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    सावन महीने में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें सावन शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इसके अगले दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। इसे सावन अमावस्या भी कहा जाता है। आइए, हरियाली अमावस्या की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    कब है सावन शिवरात्रि?

    सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को है। इस दिन सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी। अतः 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी।

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    कब है हरियाली अमावस्या?

    पंचांग के अनुसार, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर सावन माह की अमावस्या तिथि शुरू होगी। वहीं, 25 जुलाई को देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर सावन अमावस्या तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 24 जुलाई को सावन अमावस्या मनाई जाएगी। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है।

    सावन अमावस्या शुभ योग 

    ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या पर हर्षण योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इनमें गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग प्रमुख हैं। इन योग में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 16 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।