Hariyali Amavasya 2025 Daan: हरियाली अमावस्या पर करें इन चीजों का दान, पितरों की नाराजगी होगी दूर
सनातन शास्त्रों में निहित है कि हरियाली (Hariyali Amavasya 2025 Daan) अमावस्या पर देवों के देव महादेव की पूजा और अभिषेक करने से पितरों की नाराजगी दूर हो जाती है। आसान शब्दों में कहें तो पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा व्यक्ति विशेष पर बरसती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 24 जुलाई को सावन अमावस्या है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद देवों के देव महादेव का जलाभिषेक एवं पूजा करते हैं।
बड़ी संख्या में साधक गंगा नदी के तट पर शिव नाम का जप और तप करते हैं। वहीं, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। वहीं, पूजा के बाद साधक अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करते हैं।
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धार्मिक मत है कि अमावस्या तिथि पर दान करने से साधक पर महादेव की कृपा बरसती है। साथ ही कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो हरियाली अमावस्या के दिन पूजा और तर्पण के बाद इन चीजों का दान करें।
इन चीजों का दान करें
- अगर आप पितृ दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो हरियाली अमावस्या के दिन शिवजी की पूजा करें। साथ ही पितरों का तर्पण करें। वहीं, पूजा के बाद काले तिल, जौ, कच्चा चावल, चूड़ा (पोहा), दही, चीनी, नमक आदि चीजों का दान करें।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन आप छतरी, चमड़े के जूते और चप्पल आदि चीजों का भी दान कर सकते हैं। आप ये चीजें योग्य ब्राह्मण या जरूरमंदों को पितरों के नाम पर दे सकते हैं।
- अगर आप पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो सावन अमावस्या के दिन शिव मंदिर में काले तिल या तिल के तेल का दान करें। इसके अलावा, आप सफेद वस्त्र और प्रसादम (प्रसाद) हेतु अन्न का भी दान कर सकते हैं।
- कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन छाता, जूते, चप्पल, साबुत उड़द, कंबल और वस्त्र आदि चीजों का दान कर सकते हैं।
- अगर आप देवों के देव महादेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो सावन अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के बाद दूध या गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद सफेद चीजों का दान करें। आप चावल, आटा, चीनी, नमक, दूध, दही आदि चीजों का दान करें।
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