Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जी के भोग में क्यों जरूरी है तुलसी, जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा
हनुमान जी (Hanuman ji Puja) की पूजा के दौरान उन्हें कई प्रकार की चीजें अर्पित की जाती हैं जो उन्हें प्रिय मानी गई हैं। इसी के साथ इन चीजों से संबंधित कोई-न-कोई पौराणिक कथा भी मिलती है। ऐसे में आज हम आपको हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने का महत्व और इससे संबंधित कथा के बारे में बताने जा रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस साल 12 अप्रैल को 2025 को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) मनाया जाएगा। बजरंगबली की आराधना के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन बहुत ही उत्तम माना गया है। इसी के साथ श्रीराम भक्त हनुमान जी को तुलसी का भोग लगाना काफी पुण्यकारी माना गया है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
मिलती है ये पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता सीता हनुमान जी को भोजन करवा रही थीं। इस दौरान उन्होंने हनुमान जी के लिए अलग-अलग तरह के पकवान बनाएं। सारा भोजन खत्म होने के बाद भी हनुमान जी की भूख शांत नहीं हुई और वह और भोजन की मांग करने लगे। इससे माता सीता चिंतित हो गई और उन्होंने सारी बात राम जी के समक्ष कही।
प्रभु श्रीराम ने दिया ये सुझाव
तब प्रभु ने माता सीता से कहा कि आप हनुमान के भोजन में तुलसी का पत्ता डाल दें। ऐसा करने से हनुमान की भूख शांत हो जाएगी। तब राम जी के कहे अनुसार, मां सीता ने हनुमान जी के भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दिए, जिसे खाने के बाद बजरंगबली की भूख शांत हो गई। तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि कहते हैं कि हनुमान जी के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालाना चाहिए।
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यह भी है एक कारण
भगवान विष्णु के सभी अवतारों को भोग में तुलसी दल जरूरी रूप से अर्पित किया जाता है, क्योंकि इसके बिना उनका भोग अधूरा है। ऐसे में भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्रीराम के परम भक्त होने के नाते, हनुमान जी को भी भोग में तुलसी अर्पित करना का शुभफलदायी माना गया है।
मिलते हैं ये लाभ
हनुमान जी की पूजा में तुलसी चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी संकट दूर करे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इसी के साथ हनुमान जी को तुलसी की माला चढ़ाने से भी साधक को विशेष लाभ मिल सकते हैं।
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