Pradosh Vrat 2025 Date: अप्रैल में कब है पहला प्रदोष व्रत? अभी नोट करें डेट और पूजा टाइम
शिव पुराण में महादेव की महिमा का वर्णन है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा संध्याकाल में होती है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने से सभी डर से छुटकारा मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव को हलवा, दही और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि इस शुभ काम को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं। अब अप्रैल माह की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस माह में पहला प्रदोष व्रत (Chaitra Month Pradosh Vrat 2025) कब किया जाएगा?
गुरु प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 09 अप्रैल को 10 बजकर 55 मिनट से शुरु होगी और 11 अप्रैल को रात 01 बजे तिथि खत्म होगी। ऐसे में प्रकार 10 अप्रैल को प्रदोष व्रत किया जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा करने का टाइम 06 बजकर 44 मिनट से 08 बजकर 59 मिनट तक है।
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट पर
चंद्रोदय - शाम 04 बजकर 33 मिनट से
चन्द्रास्त - 11 अप्रैल को सुबह 05 बजे
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 05 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
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प्रदोष व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
कनेर का फूल, कलावा, गंगाजल, दूध, पवित्र जल, अक्षत, शहद, फल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, भांग, बेल पत्र, धूपबत्ती प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक समेत आदि।
प्रदोष व्रत के उपाय
- प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन महादेव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से साधक को सभी कामों में सफलता मिलती है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
- कारोबार में तरक्की पाने के लिए प्रदोष व्रत के अवसर पर संध्याकाल में भगवान शिव की पूजा करें। इस दौरान महादेव को भांग और बेल पत्र अर्पित करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इस उपाय को करने से रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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