Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, नहीं मिलता पूजा का पूरा फल
मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) करने से साधक को शिव जी की असीम कृपा की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे साधक के सभी कष्ट भी दूर होते हैं और उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर आप प्रदोष व्रत रखते हैं तो कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है, जिसमें से एक बार कृष्ण पक्ष में आता है और दूसरा शुक्ल में। इस तिथि पर शिव जी के निमित्त व्रत और पूजा-अर्चना करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, जिससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पर शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करना का विधान है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 27 मार्च को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत गुरुवार, 27 मार्च को किया जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त ये रहने वाला है -
भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त - शाम 06 बजकर 50 मिनट से रात 09 बजकर 11 मिनट तक
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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भूल से भी न करें ये काम
प्रदोष व्रत करने वाले साधक को इस दिन पर नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके स्थान पर केवल फल और जल का सेवन करना चाहिए। पूजा के दौरान अपने मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार न लाएं। झगड़ा करने या झूठ बोलने से भी साधक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
इसी के साथ ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही प्रदोष व्रत की पूजा में काले वस्त्र भी धारण न करें। व्रत न करने वाले साधक को भी प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन से दूरी बनानी चाहिए।
शिवलिंग पर अर्पित न करें ये चीजें
प्रदोष व्रत के दिन या किसी अन्य दिन पर भी शिवलिंग पर टूटे चावल, हल्दी, तुलसी, सिंदूर और नारियल आदि चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस चीजों को शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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