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    Gayatri Jayanti 2025: चित्रा नक्षत्र समेत कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी गायत्री जयंती, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 27 May 2025 02:55 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi Vrat 2025 Date) व्रत करने से साधक को सभी एकादशियों के समान फल मिलता है। इस शुभ तिथि पर महज लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। निर्जला एकादशी के दिन दान करना बेहद शुभ माना जाता है।

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    Gayatri Jayanti 2025: गायत्री जयंती का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 06 जून को निर्जला एकादशी एवं गायत्री जयंती है। निर्जला एकादशी पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन निर्जला व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है।

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    इस शुभ तिथि पर गायत्री जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व निर्जला एकादशी के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देवी मां गायत्री की पूजा एवं साधना की जाती है। देवी मां गायत्री की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, गायत्री जयंती की सही डेट और शुभ योग के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    गायत्री जयंती 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Gayatri Jayanti 2025 Date and Shubh Muhurat)

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर  शुरू होगी। वहीं, 07 जून को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। इसके लिए 06 जून को गायत्री जयंती और निर्जला एकादशी मनाई जाएगी।

    भद्रावास योग

    ज्योतिषियों की मानें तो गायत्री जयंती पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा का पाताल में रहना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग है।

    वरीयान योग

    गायत्री जयंती पर वरीयान योग का भी निर्माण हो रहा है। वरीयान योग सुबह 10 बजकर 14 मिनट से है। ज्योतिष वरीयान योग में शुभ काम करने की सलाह देते हैं। इस योग में देवी मां गायत्री की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता मिलेगी।  

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- देर रात 02 बजकर 27 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे से 12 बजकर 40 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।