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    Eid Ul Fitr 2025: 31 मार्च या 1 अप्रैल कब मनाई जाएगी ईद-उल-फितर, चांद के दीदार को हो जाएं तैयार

    Updated: Mon, 24 Mar 2025 04:37 PM (IST)

    रमजान (Ramadan 2025) इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है जिसे बहुत ही खास और पाक माना जाता है। इस पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग उपवास करते हैं जिसे रोजा कहा जाता है। रमजान के बाद आने वाली ईद को ईद-उल-फितर के नाम से जाना जाता है जो रोजा खोलने का दिन होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि ईद-उल-फितर कब मनाई जाएगी।

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    Eid Ul Fitr 2025 कब दिखेगा ईद का चांद?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम में ईद-उल-फितर (Eid Ul Fitr 2025 Date) को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है, जो रमजान के खत्म होने का भी प्रतीक है। यह शव्वाल महीने का पहला दिन भी है। इस दिन को लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। साथ ही इस दिन पर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।

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    कब मनाई जाएगी ईद-उल-फितर (When is Eid Ul Fitr 2025)

    ईद की तारीख रमजान के खत्म होने के बाद दिखने वाले चांद पर निर्भर करती है। इसी के साथ चांद दिखने के बाद ईद की सही तिथि निर्धारण इस्लामी विद्वानों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। भारत में रमजान की शुरुआत 2 मार्च से हुई थी, जो 29 या 30 दिनों का होता है। इस तरह भारत में ईद-उल-फितर 31 मार्च या फिर 01 अप्रैल को मनाए जाने की संभावना है।

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    (Picture Credit: Freepik)

    कैसे मनाते हैं ईद-उल-फितर

    रमजान के आखिरी दिन पर चांद दिखने के बाद लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं और इसके बाद ईद मनाई जाती है। इस्लाम धर्म में ईद-उल-फितर के दिन को अल्लाह का शुक्र अदा करने और उन्हें याद करने का दिन माना गया है। साथ ही यह एक खुशी का मौका होने के साथ-साथ भाईचारे और दया का दिन भी है। रमजान की शुरुआत से ही ईद-उल-फितर का इंतजार शुरू हो जाता है।

    (Picture Credit: Freepik)

    इस दिन पर लोग नए कपड़े पहनते हैं इसके बाद सामूहिक तौर पर नमाज अदा की जाती है। इस दिन पर परिवार के साथ पारम्परिक व्यंजन जैसे खजूर और मीठी सेवई और तरह-तरह के पकवानों का लुत्फ उठाया जाता है। साथ ही घर के छोटे सदस्यों को उपहार या कुछ पैसे दिए जाते हैं, जिसे ईदी का जाता है। वहीं ईद के मौके पर मस्जिदों में नमाज अदा करना, गरीबों को जकात और फितरा देना भी जरूरी माना जाता है, इससे व्यक्ति को अल्लाह की इबादत मिलती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।