रमजान के बाद खुशियों की सौगात लाता है Eid-ul-Fitr, जानें मीठी ईद का महत्व और इतिहास
दुनियाभर में इस समय रमजान के पाक महीने की चमक देखने को मिल रही है। यह इस्लाम धर्म का बेहद पवित्र महीना होता है जिसके खत्म होने पर ईद (Eid ul Fitr 2025) मनाई जाती है। हर साल रमजान खत्म होने के बाद चांद दिखने के अलगे दिन ईद मनाई जाती है। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व और इसका इतिहास।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों हर तरफ रमजान की रौनक देखने को मिल रही है। यह पाक महीना इस्लाम धर्म के लिए काफी अहम होता है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हुए अपना समय बिताते हैं। साथ ही इस पवित्र महीने के खत्म होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है।
ईद-उल-फित्र, जिसे अक्सर ईद या मीठी ईद कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर में सबसे जरूरी त्योहारों में से एक है। यह पर्व पवित्र महीने रमजान के अंत का प्रतीक है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे इस साल कब मनाई जा सकती है ईद और इसके महत्व और इतिहास के बारे में-
कब है ईद-उल-फित्र 2025?
रमजान खत्म होने के बाद चांद नजर आने के अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस बार रमजान शुक्रवार, 28 फरवरी से शुरू हुआ था और रविवार, 30 मार्च को खत्म होगा। ऐसे में अगर 31 मार्च को चांद दिखाई पड़ता है, तो 1 अप्रैल को ईद मनाने की उम्मीद है।
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ईद का इतिहास
ईद-उल-फितर की शुरुआत पैगंबर मुहम्मद ने मक्का छोड़ने के बाद मदीना में की थी। पहली बार ईद-उल-फितर 624 ई. में मनाई गई थी, जो इस्लामी इतिहास में पहले रमजान के अंत का प्रतीक थी। इस त्योहार ने दो बुतपरस्त त्योहारों की जगह ली, जो इस्लाम के आगमन से पहले मदीना में मनाए जाते थे।
ईद का इतिहास इस्लाम के सिद्धांतों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। रमजान का महीना, आत्म-चिंतन, आध्यात्मिक शुद्धि और लोगों के लिए सहानुभूति बढ़ाने का समय है। इस दौरान खानपान और अन्य सांसारिक सुखों से परहेज किया जाता है और अल्लाह के साथ अपना रिश्ता मजबूत करने के लिए आत्म-अनुशासन विकसित किया जाता है। ऐसे में ईद-उल-फितर इस कठिन आध्यात्मिक तपस्या को सफलतापूर्वक पूरा करने का उत्सव है। साथ ही यह मौका है, ऐसा करने के लिए शक्ति और मार्गदर्शन देने के लिए अल्लाह के प्रति आभार व्यक्त करने का समय है।
ईद-उल-फितर का महत्व
ईद-उल-फितर एक बेहद महत्वपूर्ण इस्लामी उत्सव है, जो रमजान पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए अल्लाह के प्रति आभार का प्रतीक है। साथ ही यह पर्व रमजान के दौरान विकसित हुई सकारात्मक आदतों की निरंतरता को दर्शाता है। यह पर्व सामुदायिक एकता पर जोर देता है, जकात-उल-फितर के जरिए दान और उदारता को बढ़ावा देता है, क्षमा और मेल-मिलाप को प्रोत्साहित करता है।
दुनिया भर में मनाया जाता है उत्सव
ईद-उल-फितर दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इसे मनाने का तरीका हर जगह अलग-अलग है। इस दौरान दुनियाभर में ईद के जश्न की कुछ ऐसी झलक दिखाई देती हैं-
- ईद के मौके पर मस्जिदों या खुले मैदानों में विशेष नमाज में शामिल होना इस उत्सव का मुख्य हिस्सा है।
- ईद की नमाज से पहले गरीबों को जकात-उल-फित्र देना दान का एक अनिवार्य काम है।
- कई लेग अपने घरों और सड़कों को लाइट्स, लालटेन और रंगीन बैनरों से सजाते हैं ताकि जश्न का माहौल बनाया जा सके।
- इस दिन नए या सबसे अच्छे कपड़े पहनना एक आम परंपरा है। यह एक नई शुरुआत और इस अवसर का जश्न मनाने का प्रतीक है।
- ईद के मौके पर उपहार दिया और लिया जाता है। विशेष रूप से परिवार और दोस्तों के बीच, एक लोकप्रिय रिवाज है।
- ईद की बधाई देने और त्योहार के मौके पर मिलकर मनाने के लिए रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलना इस उत्सव का एक जरूरी हिस्सा है।
- साथ ही इस मौके पर शानदार भोजन और मिठाइयां तैयार की जाती है, जिन्हें एक-दूसरे के साथ मिल-बांटकर खाया जाता है।
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