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    Dev Uthani Ekadashi 2024: इस साल कब है देवउठनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 16 May 2024 12:42 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो देवउठनी एकादशी को शाम 07 बजकर 10 मिनट तक हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 52 मिनट से हो रहा है जो 13 नवंबर को सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो रहा है। साथ ही रवि योग का संयोग देवउठनी एकादशी पर बन रहा है।

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    Dev Uthani Ekadashi 2024: इस साल कब है देवउठनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dev Uthani Ekadashi 2024: हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इससे पूर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु क्षीर सागर में चार महीने के लिए विश्राम करने चले जाते हैं। अतः आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक चातुर्मास रहता है। शास्त्रों में चातुर्मास के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है। अतः इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए, देव उठनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह है। तुलसी विवाह तिथि से सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं।

    पारण समय

    व्रती तुलसी विवाह यानी 13 नवंबर को सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 08 बजकर 51 मिनट तक व्रत खोल सकते हैं। इस समय में स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके पश्चात ब्राह्मणों को अन्न दान देकर व्रत खोलें।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो देवउठनी एकादशी को शाम 07 बजकर 10 मिनट तक हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 52 मिनट से हो रहा है, जो 13 नवंबर को सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो रहा है। साथ ही रवि योग का संयोग बन रहा है। यह योग सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 52 मिनट तक है। इन योग के दौरान भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।