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Devshayani Ekadashi 2024: इस वर्ष कब है देवशयनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी के दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक शुभ योग बन रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुक्ल योग का समापन 18 जुलाई को सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर होगा। वहीं देवशयनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण एक साथ हो रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarWed, 15 May 2024 10:00 PM (IST)
Devshayani Ekadashi 2024: इस वर्ष कब है देवशयनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग
Devshayani Ekadashi 2024: इस वर्ष कब है देवशयनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन से जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जागृत होते हैं। देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तिथि तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। इस समय में सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन साधक नियमपूर्वक भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आइए, देवशयनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त एवं योग जानते हैं-  

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को संध्याकाल 08 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी और 17 जुलाई को शाम 09 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान होने के चलते 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। साधक 17 जुलाई को एकादशी व्रत रख सकते हैं।

पारण समय

साधक 18 जुलाई को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट मध्य व्रत खोल सकते हैं। इस दौरान स्नान-ध्यान कर भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके पश्चात ब्राह्मणों को दान देकर व्रत खोलें।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो देवशयनी एकादशी के दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक शुभ योग बन रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुक्ल योग का समापन 18 जुलाई को सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर होगा। वहीं, देवशयनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 34 मिनट से हो रहा है और समापन 18 जुलाई को ब्रह्म बेला में 03 बजकर 13 मिनट तक है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।