Shaligram Puja niyam: घर में स्थापित करना चाहते हैं शालिग्राम, तो पहले जान लें ये जरूरी नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है। कई घरों में शालिग्राम स्थापित किए जाते हैं और पूरे विधि-विधान से इनकी पूजा की जाती है। ऐसे में यदि आप भी घर में शालिग्राम स्थापित करने का मन बना रहे हैं तो इन नियमों का ध्यान जरूर रखें अन्यथा शालिग्राम पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shaligram ji Puja vidhi: विष्णु पुराण में कहा गया है कि जिस घर में भगवान शालिग्राम विराजमान होते हैं, वह घर तीर्थ के समान होता है। भगवान विष्णु का ही स्वरूप माने गए शालिग्राम जी की पूजा के दौरान कई नियमों का ध्यान रखा जाता है। तो चलिए जानते हैं शालिग्राम से जुड़े जरूरी नियम और पूजा विधि।
इस तरह करें पूजा
सुबह स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले शालिग्राम को स्नान कराएं। इसके बाद चंदन, फूल, भोग आदि अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। भोग में तुलसी दल जरूर डालें। इससे वह प्रसन्न होते हैं, जिससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अंत में परिवार के साथ विष्णु जी की आरती करें।
इस तरह कराएं स्नान
भगवान शालिग्राम को रोजाना पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, जल, शहद और घी को मिलाएं। स्नान कराने के बाद इस चरणामृत को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और अन्य लोगों में भी बांटे।
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इन बातों का रखें ध्यान
शालिग्राम की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि शालिग्राम जी की पूजा का क्रम टूटना नहीं चाहिए। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि घर में केवल एक ही शालिग्राम रखना चाहिए। एक से अधिक शालिग्राम रखने पर वास्तु दोष लग सकता है।
जिस घर में शालिग्राम जी की पूजा की जाती है, वहां मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही शालिग्राम की के पूजा स्थान पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें और उनके साथ विष्णु जी की तस्वीर या प्रतिमा भी जरूर रखनी चाहिए।
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