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    Christmas 2024: कौन थे संत निकोलस जो बन गए सेंटा क्लॉज? पढ़ें लाल ड्रेस और सफेद दाढ़ी वाले की कहानी

    Updated: Sat, 21 Dec 2024 02:05 PM (IST)

    क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म के लोगों के लिए बहुत ही खास है क्योंकि यह ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। कहा जाता है कि जीसस क्राइस्ट ईश्वर के दूत थे। वहीं इस दिन से सेंटा क्लॉज (Santa Claus History) का भी गहरा कनेक्शन है जो छोटे बच्चों के बीच बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध थे तो चलिए यहां पर जानते हैं कि आखिर कौन थे सेंटा क्लॉज?

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    Christmas 2024: सेंटा क्लॉज का जन्म कहां हुआ था?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि वह ईश्वर के पुत्र व दूत थे। इस दिन लोग अपने घरों और क्रिसमस ट्री को तरह-तरह की लाइट्स फूल व अन्य चीजों से सजाते हैं। साथ ही चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है, जिसकी झलक चारों तरफ देखने को मिलती है। वहीं, इस दिन (Christmas 2024) बच्चों को सेंटा क्लॉज से भी मिलने का इंतजार रहता है, तो आइए यहां पर जानते हैं कि आखिर कौन थे सेंटा क्लॉज?

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    जानें कौन थे सेंटा क्लॉज? (How Santa Claus became Saint Nicholas?)

    सेंटा क्लॉज को तो आप सभी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि उनका असली नाम संत निकोलस था, जो बहुत खुशमिजाज व्यक्ति थे। संत निकोलस का जन्म 280 ईस्वी में तुर्कमेनिस्तान के शहर मायरा में हुआ था। बचपन में ही उनके माता- जन्मे की मृत्यु हो गई थी।

    इतने कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने अपनी अच्छाई को खोने नहीं दिया और जीसस क्राइस्ट की नियमित भक्ति करते रहें। इसके साथ ही वे पहले पादरी और बाद में बिशप बनें।

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    पत्नी का नाम था क्लॉज (Santa Claus Story)

    आपको बता दें, संत निकोलस की पत्नी का नाम क्लॉज था, जिनके साथ वे प्रभु यीशु की भक्ति मगन रहते हैं। कहा जाता है कि उन्हें छोटे बच्चों को गिफ्ट्स देना और लोगों में प्यार बांटना काफी पंसद था, जिसके चलते वह रात के अंधेरे में अपनी पहचान छुपाते हुए बच्चों को गिफ्ट्स देने निकला करते थे, जिससे लोग उनके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी न पा सकें।

    जानकारी के लिए बता दें कि उनकी यह तोहफे बांटने की आदत डच लोक चरित्र 'सिंटरक्लास' का आधार बनी, जिसे अमेरिका में सांता क्लॉज के तौर पर जाना गया।

    बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर बांटते थे तोहफे

    कहते हैं कि संत निकोलस रंग बिरंगे कपड़े पहनते थे और बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर लोगों में उपहार बांटते थे। जानकारी के लिए बता दें कि संत निकोलस ने 6 दिसंबर 343 ईस्वी में मायरा शहर में अपनी आखिरी सांस ली थी।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।