Cheti Chand 2025: इस साल कब मनाई जाएगी झूलेलाल जयंती, जानिए इस दिन का महत्व
सिंधी में चैत्र महीने को चेत कहा जाता है। ऐसे में जब चेती (चैत्र) माह की अमावस्या के बाद जब पहली बार चांद दिखाई देता है तो इस दिन को चेटी चंद के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सिंधी समुदाय में विशेष महत्व रखता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान झूलेलाल (Jhulelal Jayanti) का जन्म हुआ था।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चेटी चंड (Cheti Chand 2025) का पर्व भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान झूलेलाल सिंधियों के संरक्षक होने के साथ-साथ आराध्य देव भी हैं। साथ ही इसी दिन से सिंधी नववर्ष की भी शुरुआत होती है। सिंधी समुदाय के लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में यह पर्व कब मनाया जाएगा।
चेटी चंड मुहूर्त (Cheti Chand Shubh Muhurat)
चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में चेटीचंड का पर्व रविवार 30 मार्च को दिन मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है -
चेटी चंड मुहूर्त - शाम 06 बजकर 51 मिनट से शाम 07 बजकर 51 मिनट तक
(Picture Credit: Freepik)
कौन हैं भगवान झूलेलाल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मिरखशाह नामक एक क्रूर मुगल राजा था, जो लोगों को डरा-धमका कर इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर करता था। इस क्रूर राजा से बचने के लिए सिंधियों ने नदी देवता से प्रार्थना की और उनकी उपासना करने लगे।
चालीस दिनों बाद नदी से एक देवता प्रकट हुए और उन्होंने लोगों को वचन दिया कि वह इस अत्याचारी शासक से उनकी रक्षा करेंगे। अपने वचन के अनुसार, जल के देवता ने सिंधी लोगों को दमनकारी शासक से बचाया। भगवान झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं।
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कहलाते हैं जल के देवता
भगवान झूलेलाल (Jhulelal Bhagwan) को उडेरोलाल के नाम से भी जाना जाता है, जो जल के देवता भी कहलाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब सिंधी लोग व्यापार संबंधित जलमार्ग से यात्रा करते थे, तब उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में वह सकुशल यात्रा के लिए जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना करते थे और यात्रा सफल होने पर भगवान झूलेलाल का आभार व्यक्त करते थे।
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