Chaturmas 2025: चातुर्मास में जरूर करें ये काम, प्रभु श्रीहरि की कृपा से सौभाग्य में होगी वृद्धि
चातुर्मास की अवधि भगवान विष्णु को की पूजा-अर्चना के लिए काफी खास मानी जाती है। इससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में आप चातुर्मास में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। चलिए पढ़ते हैं भगवान विष्णु के कुछ प्रभावशाली मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चातुर्मास वह समय है, जब भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसकी शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है। इसके बाद कार्तिक माह में आने वाली देवउठनी एकादशी पर प्रभु श्रीहरि पुनः निद्रा से जागते हैं। इस बार देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को मनाई जाएगी। ऐसे में इसी दिन से चातुर्मास की भी शुरुआत हो रही है। वहीं, 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह के साथ चातुर्मास का समापन होगा।
चातुर्मास का महत्व
चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है, जो कार्तिक माह की शुक्ल की एकादशी तक चलती है। इस प्रकार यह समय कुल 4 महीने का होता है, इसलिए इसे चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। इस अवधि को भगवान विष्णु की साधना करने और व्रत करने के लिए उत्तम माना गया है।
हालांकि इस अवधि में विवाह और ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। जिसके पीछे यह मान्यता है कि देवों के विश्राम करने के कारण आपको किसी भी शुभ कार्य में उनका आशीर्वाद नहीं मिल पाता।
भगवान विष्णु के मंत्र
1. ॐ नमोः नारायणाय॥
2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
3. विष्णु गायत्री मंत्र -
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
4. विष्णु शान्ताकारम मंत्र -
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
5. मंगलम भगवान विष्णु मंत्र -
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
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6. विष्णु अष्टाक्षर मंत्र -
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो नारायणाय
इन कार्यों से मिलेगा लाभ
चातुर्मास में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसी के साथ आप विष्णु जी की कृपा प्राप्ति के लिए चातुर्मास में व्रत रख सकते हैं। वहीं आपको इस अवधि में पवित्र नदियों में स्नान करने और रामायण व भगवद गीता जैसे धर्मग्रंथों का पाठ करने से भी शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
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