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    Chaturmas 2025: क्यों 4 महीने विश्राम करते हैं भगवान विष्णु, जानिए क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी?

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 01:19 PM (IST)

    चातुर्मास (Chaturmas 2025) हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है यह आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। मान्यता है कि राजा बलि को दिए वचन के कारण विष्णु जी चार महीने पाताल में रहते हैं। इस समय भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं इसलिए चातुर्मास में उनकी पूजा का विशेष महत्व है।

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    Chaturmas 2025: चातुर्मास का महत्व क्या है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में चातुर्मास का बहुत ज्यादा महत्व है, जो आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू होकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तक चलता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर तक रहेगा। इन चार महीनों में भगवान विष्णु पाताल लोक में योग निद्रा में चले जाते हैं और इस दौरान सभी मांगलिक काम बंद हो जाते हैं।

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    लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों? सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने (Chaturmas 2025) के लिए विश्राम करते हैं? तो आइए इसके पीछे की पूरी कहानी इस आर्टिकल में जानते हैं, जो इस प्रकार है।

    भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्यों सोते हैं?

    प्रचलित हिंदू कथा के अनुसार, राजा बलि बड़े पराक्रमी और दानी थे। उनके दान की वजह से उनकी चर्जा चारों दिशाओं में थी। राजा बलि ने अपनी दानवीरता के चलते स्वर्गलोक पर भी अपना अधिकार कर लिया था। इस वजह से इंद्रदेव समेत सभी देवताओं की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि के पास भिक्षा मांगने पहुंचे।

    वामन रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि का दान मांगा। राजा बलि ने दान देने का वचन दिया। तब वामन जी ने विशाल रूप धारण किया और एक पग में पृथ्वी, दूसरे पग में स्वर्गलोक को नाप लिया।

    तीसरे पग के लिए कोई स्थान न होने पर राजा बलि ने अपना सिर भगवान के सामने झुका दिया। भगवान ने तीसरा पग राजा बलि के सिर पर रखा और उन्हें पाताल लोक में निवास करने का आदेश दिया।

    भगवान विष्णु ने वरदान मांगने को कहा

    राजा बलि की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान मांगने को कहा। इसपर राजा बलि ने भगवान से वरदान मांगा कि ''वे उनके साथ ही पाताल लोक में रहना चाहते हैं।'' श्री हरि ने राजा बलि का वचन स्वीकार कर लिया।

    ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु राजा बलि को दिए गए वचन का पालन करने के लिए देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक चार महीने के लिए पाताल लोक में निवास करते हैं। इस दौरान वे योग निद्रा में रहते हैं।

    भगवान शिव करते हैं सृष्टि का संचालन

    जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, तब सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। कारण है कि चातुर्मास के दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इन चार महीने में ज्यादा से ज्यादा धार्मिक काम करने चाहिए। इससे अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही दोगुना पुण्य फल मिलता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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