Chaturmas 2025: चातुर्मास में क्यों नहीं किए जाते हैं शुभ काम? इन कार्यों से दूरी है जरूरी
चातुर्मास (Chaturmas 2025) हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इन चार महीनों में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं इसलिए इस दौरान विवाह और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। चातुर्मास 2025 6 जुलाई को शुरू होगा और 2 नवंबर को समाप्त होगा तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातें जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। यह चार महीने की अवधि होती है, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे सभी प्रकार के मांगलिक कामों पर रोक लग जाती है, तो आइए जानते हैं कि चातुर्मास में मांगलिक कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं और इससे (Chaturmas 2025) जुड़े प्रमुख नियम क्या हैं?
कब से कब तक रहेगा चातुर्मास? (Chaturmas 2025 Start And End Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को मनाई जाएगी, तभी से चातुर्मास की शुरुआत होगी। वहीं, 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह के साथ इसका समापन होगा। इसी दिन से ही दोबारा से शुभ काम की शुरुआत होगी।
क्यों वर्जित हैं इसमें मांगलिक काम? (Chaturmas 2025 Me Kyon Varjit Hai Shubh Kaam?)
चातुर्मास को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इस दौरन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, क्योंकि वे सृष्टि के पालनहार हैं और सभी शुभ कामों के साक्षी होते हैं, इसलिए ही इस दौरान किसी भी तरह का नया और शुभ काम करना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि उनके आशीर्वाद के बिना किए गए काम कभी सफल नहीं होते।
चातुर्मास में इन बातों का रखें ध्यान (Chaturmas 2025 Rules)
- इस दौरान तामसिक भोजन का सेवन भूलकर नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान दूध, दही, बैंगन, मूली आदि कुछ विशेष चीजों का सेवन भी वर्जित माना गया है।
- इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है, खासकर उन्हें जो आध्यात्मिक साधना कर रहे हों।
- इस दौरान भूमि शयन अच्छा माना जाता है।
- चातुर्मास को तीर्थ यात्रा और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
- इस समय पूजा-पाठ का दोगुना फल मिलता है।
- इस दौरान कोई भी नया काम जैसे - गृह प्रवेश, मुंडन और शादी आदि काम नहीं करने चाहिए।
यह भी पढ़ें: Mangala Gauri Vrat in 2025: कब रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत? जानिए महत्व और पूजन नियम
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।