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    Shani Mantra: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जप, खुल जाएंगे किस्मत के द्वार

    वर्तमान समय में शनिदेव (Shani Mantra) मीन राशि में विराजमान हैं। इसके लिए मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। इसके साथ ही सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनिदेव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त आर्थिक विषमता दूर होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 04 Jul 2025 04:53 PM (IST)
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    Shani Mantra: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 05 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को प्रिय है। इसके लिए शनिवार के दिन कर्मफल दाता शनिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन में व्याप्त संकटों से मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही अशुभ ग्रहों के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन भक्ति भाव से शनिदेव की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय शनिदेव के नामों का जप करें।

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    शनिदेव के 108 नाम

    1. ऊँ शनैश्चराय नमः
    2. ऊँ शान्ताय नमः
    3. ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
    4. ऊँ शरण्याय नमः
    5. ऊँ वरेण्याय नमः
    6. ऊँ सर्वेशाय नमः
    7. ऊँ सौम्याय नमः
    8. ऊँ सुरवन्द्याय नमः
    9. ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः
    10. ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः
    11. ऊँ सुन्दराय नमः
    12. ऊँ घनाय नमः
    13. ऊँ घनरूपाय नमः
    14. ऊँ घनाभरणधारिणे नमः
    15. ऊँ घनसारविलेपाय नमः
    16. ऊँ खद्योताय नमः
    17. ऊँ मन्दाय नमः
    18. ऊँ मन्दचेष्टाय नमः
    19. ऊँ महनीयगुणात्मने नमः
    20. ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः
    21. ऊँ महेशाय नमः
    22. ऊँ छायापुत्राय नमः
    23. ऊँ शर्वाय नमः
    24. ऊँ शततूणीरधारिणे नमः
    25. ऊँ चरस्थिरस्वभा वाय नमः
    26. ऊँ अचञ्चलाय नमः
    27. ऊँ नीलवर्णाय नम:
    28. ऊँ नित्याय नमः
    29. ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः
    30. ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः
    31. ऊँ निश्चलाय नमः
    32. ऊँ वेद्याय नमः
    33. ऊँ विधिरूपाय नमः
    34. ऊँ विरोधाधारभूमये नमः
    35. ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः
    36. ऊँ वज्रदेहाय नमः
    37. ऊँ वैराग्यदाय नमः
    38. ऊँ वीराय नमः
    39. ऊँ वीतरोगभयाय नमः
    40. ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः
    41. ऊँ विश्ववन्द्याय नमः
    42. ऊँ गृध्नवाहाय नमः
    43. ऊँ गूढाय नमः
    44. ऊँ कूर्माङ्गाय नमः
    45. ऊँ कुरूपिणे नमः
    46. ऊँ कुत्सिताय नमः
    47. ऊँ गुणाढ्याय नमः
    48. ऊँ गोचराय नमः
    49. ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः
    50. ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः
    51. ऊँ आयुष्यकारणाय नमः
    52. ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः
    53. ऊँ विष्णुभक्ताय नमः
    54. ऊँ वशिने नमः
    55. ऊँ विविधागमवेदिने नमः
    56. ऊँ विधिस्तुत्याय नमः
    57. ऊँ वन्द्याय नमः
    58. ऊँ विरूपाक्षाय नमः
    59. ऊँ वरिष्ठाय नमः
    60. ऊँ गरिष्ठाय नमः
    61. ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः
    62. ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः
    63. ऊँ वामनाय नमः
    64. ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः
    65. ऊँ श्रेष्ठाय नमः
    66. ऊँ मितभाषिणे नमः
    67. ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः
    68. ऊँ पुष्टिदाय नमः
    69. ऊँ स्तुत्याय नमः
    70. ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः
    71. ऊँ भक्तिवश्याय नमः
    72. ऊँ भानवे नमः
    73. ऊँ भानुपुत्राय नमः
    74. ऊँ भव्याय नमः
    75. ऊँ पावनाय नमः
    76. ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः
    77. ऊँ धनदाय नमः
    78. ऊँ धनुष्मते नमः
    79. ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः
    80. ऊँ तामसाय नमः
    81. ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः
    82. ऊँ विशेशफलदायिने नमः
    83. ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः
    84. ऊँ पशूनां पतये नमः
    85. ऊँ खेचराय नमः
    86. ऊँ खगेशाय नमः
    87. ऊँ घननीलाम्बराय नमः
    88. ऊँ काठिन्यमानसाय नमः
    89. ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः
    90. ऊँ नीलच्छत्राय नमः
    91. ऊँ नित्याय नमः
    92. ऊँ निर्गुणाय नमः
    93. ऊँ गुणात्मने नमः
    94. ऊँ निरामयाय नमः
    95. ऊँ निन्द्याय नमः
    96. ऊँ वन्दनीयाय नमः
    97. ऊँ धीराय नमः
    98. ऊँ दिव्यदेहाय नमः
    99. ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः
    100. ऊँ दैन्यनाशकराय नमः
    101. ऊँ आर्यजनगण्याय नमः
    102. ऊँ क्रूराय नमः
    103. ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः
    104. ऊँ कामक्रोधकराय नमः
    105. ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः
    106. ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः
    107. ऊँ परभीतिहराय नमः
    108. ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः

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