Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि पर हर्षण योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 04 Jul 2025 04:36 PM (IST)

    सावन (Sawan Shivratri 2025) महीने के दौरान देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करने से साधक के जीवन में मंगल ही मंगल होता है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली होती है। सावन महीने में दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है।

    Hero Image
    Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है। मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर हर्षण योग समेत कई मंगलकारी योग बनेंगे। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एवं भक्ति करने से साधक को अमोघ और अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, सावन शिवरात्रि की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    यह भी पढ़ें: पंढरपुर में भक्त के आदेश पर भगवान ने किया था इंतजार, जानिए श्रीकृष्ण के इस मंदिर का इतिहास

    सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

    सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं , 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रदोष काल और निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा की जाती है। इसके लिए 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि पर पूजा के लिए शुभ समय देर रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है।

    हर्षण योग

    सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से होगा। इस योग का समापन 24 जुलाई को सुबह 09 बजकर 51 मिनट पर होगा। इस दौरान भगवान शिव एवं मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी।

    भद्रावास योग

    सावन शिवरात्रि के शुभ अवसर पर दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक भद्रावास योग का संयोग है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी लोक का कल्याण होता है। इस शुभ योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की मनचाही मुराद पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: अमरनाथ गुफा में शिव तांडव के पाठ का विशेष है महत्व, स्वर्ग में मिलता है देवताओं जैसा सुख

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।