Chaitra Navratri: अष्टमी और नवमी तिथि पर कैसे करें कन्या पूजन, यहां जानिए पूरी विधि
हिंदू मान्यताओं के अनुसार नवरात्र की खास अवधि में नवदुर्गा की पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार लोग नवरात्र की अष्टमी या फिर नवमी तिथि पर कन्या पूजन (Kanya Pujan) करते हैं। इसे कंजक पूजन के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कन्या पूजन की विधि।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के दौरान कन्या पूजन या कंजक पूजन (Navratri 2025 Kanya Pujan) काफी जरूरी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन करने से ही आपका व्रत पूर्ण माना जाता है और आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है। इसके लिए 7, 9 या फिर 11 कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है और उन्हें भोजन करवाया जाता है। साथ ही उन्हें कुछ-न-कुछ उपहार और दक्षिणा दी जाती है।
कैसे किया जाता है कन्या
सबसे पहले आमंत्रित की गई कन्याओं के साफ पानी से पैर धुलाकर आसन पर बैठाएं। इसके बाद सभी कन्याओं को कुमकुम व अक्षत का तिलक लगाएं। अब कन्याओं को माता की चुनरी ओढ़ाएं और भोजन परोसें।
लगाएं इन चीजों का भोग
कन्याओं को आप हलवा, पूड़ी और चना भोग के रूप में अर्पित करें। आप घर आईं कन्याओं को नारियल भी भेंट के रूप में दे सकते हैं। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि कन्याओं को दिया जाने वाला भोजन एकदम सात्विक होना चाहिए।
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उपहार में दें ये चीजें
आप कन्याओं को शृंगार का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, लाल रंग, पढ़ाई-लिखाई से संबंधित सामान जैसे पेंसिल, कॉपी, बैग आदि दे सकते हैं। इसी के साथ कन्या पूजन के बाद कन्याओं को कुछ धन दक्षिणा के रूप में दें। इस सभी चीजों को देने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और आपको कन्या पूजन का पूर्ण फल मिलता है।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
इस तरह करें कन्याओं को विदा
कभी भी कन्याओं को अपने घर से खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। घर से कन्याओं को विदा करने से पहले उनके पैर छूएं और उनका आशीर्वाद जरूर लें। को माता रानी के जयकारे लगाते हुए सम्मानपूर्वक कन्याओं को विदा करें। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि कन्याओं को विदा करने के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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