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    Mahatara Jayanti 2025: कब और क्यों मनाई जाती है महातारा जयंती? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 02 Apr 2025 02:00 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का पृथ्वी लोक पर अवतरण हुआ है। इसके लिए हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर रामनवमी (Ram Navami 2025 Kab Hai) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    Mahatara Jayanti 2025: महातारा जयंती का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख और शांति बनी रहती है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि देवी मां दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कब महातारा जयंती मनाई जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    महातारा जयंती 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Mahatara Jayanti 2025 Date and Shubh Muhurat)

    हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महातारा जयंती मनाई जाती है। इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर नवमी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 06 अप्रैल को महातारा जयंती और रामनवमी मनाई जाएगी।

    महातारा जयंती 2025 डेट और शुभ योग (Mahatara Jayanti 2025 Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो महातारा जंयती के शुभ अवसर पर सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। साथ ही रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी संयोग है। इन योग में जगत की देवी मां तारा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर
    • चंद्रास्त- रात 03 बजे...
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 46 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।