Chaitra Navratri 2025: दुर्गा अष्टमी कब है? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) के दौरान जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा एवं भक्ति की जाती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही संध्या आरती और भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। चैत्र नवरात्र के दौरान दान करने से साधक पर देवी मां दुर्गा की असीम कृपा बरसती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र का महीना जगत जननी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए साधक व्रत रखते हैं। वहीं, विशेष विद्या सीखने वाले साधक देवी मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं।
जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से देवी मां दुर्गा और उनके सभी रूपों की पूजा करते हैं। आइए, दुर्गा अष्टमी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात 08 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 05 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी (Chaitra Navratri 2025) मनाई जाएगी।
दुर्गा अष्टमी शुभ योग (Durga Ashtami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। दुर्गा अष्टमी पर सुकर्मा योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृ्द्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 11 बजकर 41 मिनट पर
- चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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