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    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या पर जरूर करें इन वस्तुओं का दान, घर में नहीं होगी अन्न-धन की कमी

    Updated: Sun, 16 Mar 2025 06:47 PM (IST)

    हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या को बेहद विशेष माना जाता है। अमावस्या तिथि ( Amavasya 2025) पर पवित्र नदी में स्नान-दान हवन मंत्र जाप और पूजा-अर्चना आदि करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन इस मौके पर कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए। इससे उसमें रुकावट आती है। इसके साथ ही इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व है तो आइए यहां इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या 2025 डेट और धार्मिक महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग में चैत्र अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है। इसे पितरों की तृप्ति और दान-पुण्य के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन किए गए शुभ कार्यों से न केवल पितरों की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुछ खास चीजों का दान करने से जीवन में कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर आप भी इस अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025) पर सही तरीके से दान करना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं किन वस्तुओं का दान करना सबसे शुभ रहेगा।

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    चैत्र अमावस्या 2025 डेट और धार्मिक महत्व (Chaitra Amavasya 2025 Significance)

    इस साल चैत्र अमावस्या 29 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और पितरों को तर्पण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

    इन वस्तुओं का दान करना है बेहद शुभ (Chaitra Amavasya 2025 Daan)

    अन्न और भोजन का दान

    इस दिन किसी गरीब, ब्राह्मण या जरूरतमंद को अन्न, भोजन या फिर राशन की सामग्री दान करने से घर में बरकत बनी रहती है। खासतौर पर चावल, गेहूं, दाल और गुड़ का दान बहुत शुभ माना जाता है।

    तिल और काले वस्त्र का दान

    तिल और काले वस्त्र का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं। खासकर काले तिल का दान करने से राहु-केतु और शनि दोष का निवारण होता है।

    तांबे या पीतल के बर्तन का दान

    इस दिन तांबे या पीतल के बर्तन जैसे लोटा, थाली, गिलास आदि का दान करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

    दीपदान

    चैत्र अमावस्या की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे पितरों की कृपा बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

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    गुड़ और जल का दान

    चैत्र अमावस्या गर्मी के मौसम में आती है, इसलिए इस दिन ठंडे पानी और गुड़ का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

    पूजा और दान करने का सही नियम (Chaitra Amavasya 2025 Puja Or Daan Rules)

    • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
    • इस दिन पवित्र नदी में स्नान के लिए जरूर जाएं।
    • अपने पितरों का तर्पण करें और उनके नाम से दान करें।
    • गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य सामग्री दान करें।
    • घर के मंदिर में दीप जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
    • रात्रि को पीपल के पेड़ के नीचे दीपदान करें।

    - चैत्र अमावस्या केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन किए गए पुण्य कर्म और दान न केवल हमारे पूर्वजों को तृप्त करते हैं, बल्कि हमारे जीवन में भी खुशहाली लाते हैं। अगर आप भी आर्थिक तंगी और परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो इस अमावस्या पर इन शुभ वस्तुओं का दान जरूर करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।