Chaitra Amavasya 2025: नाराज पितरों को इन उपायों से करें प्रसन्न, पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा
सनातन धर्म में माह की सभी तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। इसी तरह अमावस्या तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों को प्रिय है। इस शुभ अवसर पर लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025) के उपायों के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र अमावस्या 29 मार्च (Chaitra Amavasya 2025 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। साथ ही साधक पूजा-अर्चना भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा करने से दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही पितृ दोष (Pitra Dosh ke Upay) से छुटकारा मिलता है।
अगर आप भी जीवन में पितृ दोष की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इस परेशानी को दूर करने के लिए चैत्र अमावस्या का दिन खास माना जाता है। चैत्र अमावस्या के दिन उपाय करने से पूर्वजों को शांति प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं चैत्र अमावस्या के उपायों के बारे में।
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जीवन होगा खुशहाल
अगर आप सुख-समृद्धि में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करें। दीपक जलाकर आरती करें। इस दौरान जीवन में सुख-शांति प्राप्ति के लिए कामना करें। मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से साधक का जीवन खुशहाल होता है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
(Pic Credit-AI)
पितरों को मिलेगी शांति
पितरों को शांति प्राप्ति के लिए चैत्र अमावस्या का दिन खास माना जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना करने के बाद गरीब लोगों या मंदिर में काले तिल का दान करें। मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों की कृपा से साधक के रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं।
सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
अगर आप लंबे समय से पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष दूर होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
प्राप्त होगी पितरों की कृपा
इसके अलावा चैत्र अमावस्या के अवसर पर शाम के समय देसी घी का दीपक जलाएं और दक्षिण दिशा में रख दें। इस दौरान पितरों का ध्यान करें। पितरों से अपनी गलती की माफी मांगे। इस उपाय को करने से पितृ दोष दूर होता है। साथ ही उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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