Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी पर करें ये आसान उपाय, रोग-दोष से मिलेगी राहत
होली के 8 दिन बाद शीतला अष्टमी (Sheetla ashtami 2025) का व्रत रखा जाता है। हर साल यह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 22 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन देवी शीतला की पूजा होती है। माना जाता है कि इस दिन माता रानी की विधिवत पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शीतला अष्टमी का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह होली के आठ दिन बाद यानी चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता रानी की पूजा करने और उपवास का पालन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही रोग-दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं, इस दिन को लेकर कुछ चमत्कारी उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से रोग-दोष (Sheetla Ashtami 2025 Upay ) से छुटकारा मिलता है, तो आइए जानते हैं।
कैसे मिलेगा आरोग्य का वरदान?
शीतला अष्टमी पर अच्छी सेहत के लिए विधि-विधान के साथ शीतला माता की पूजा करें। मां को कुमकुम, रोली, अक्षत और लाल रंग के फूल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद देवी को बासी पूड़ी-हलवे का भोग लगाएं। ऐसा करने से रोग-दोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
करें इस मंत्र का जाप
सभी कष्टों से मुक्ति के लिए शीतला अष्टमी पर 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः' मंत्र का जप करें। ऐसा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
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दान-दक्षिणा जरूर दें
शीतला अष्टमी के मौके पर किसी कुम्हारन को जरूरत का सामान और दान-दक्षिणा जरूर दें, क्योंकि यह इस दिन के अनुष्ठान का अहम हिस्सा माना जाता है। कहते हैं कि जब तक कुम्हारन कुछ नहीं खाती है, तब तक शीतला माता की पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।
शीतला अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त (Shitala Ashtami 2025 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 22 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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