Sheetala Ashtami 2025 Date: 22 या 23 मार्च, कब है शीतला अष्टमी? यहां जानें सही डेट और पूजा टाइम
हर साल होली के बाद चैत्र माह में विधिपूर्वक शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025) व्रत किया जाता है। इस पर्व को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ तिथि पर मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगता है। साथ ही दान किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मां शीतला की पूजा करने से साधक को सभी रोग से छुटकारा मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपाय भी किए जाते हैं। मान्यता के अनुसार, मां शीतला की पूजा और व्रत करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही मां शीतला का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025) की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बन रही है। ऐसे में चलिए हम आपको पंचांग के अनुसार बताएंगे शीतला अष्टमी की सही डेट और शुभ शुभ मुहूर्त के बारे में।
शीतला अष्टमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Shitala Ashtami 2025 Date and Puja Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और समापन अगले दिन यानी 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में 22 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 33 मिनट पर
चंद्रोदय - 23 मार्च को रात 01 बजकर 59 मिनट से
चन्द्रास्त - रत 11 बजकर 07 मिनट पर
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर से 48 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 56 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक
यह भी पढ़ें: Sheetala Ashtami 2025: इस साल कब मनाई जाएगी शीतला अष्टमी, जानें इस दिन का महत्व
शीतला अष्टमी के उपाय (Shitala Ashtami 2025 Upay)
- यदि आपका आपका बच्चा लंबे समय से बीमार है, तो ऐसे में शीतला अष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में मां शीतला की पूजा करें और देवी को हल्दी अर्पित करें। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को हल्दी लगाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से रोग से छुटकारा मिलता है। साथ ही मां शीतला की कृपा प्राप्त होती है।
- धार्मिक मान्यता है कि मां शीतला का वास नीम के पेड़ पर होता है, तो ऐसे में शीतला अष्टमी के दिन नीम के पेड़ की पूजा कर जल अर्पित करें। पेड़ की परिक्रमा लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से संतान के जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं।
यह भी पढ़ें: Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी पर क्यों खाते हैं बासी खाना? जानिए वजह
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।