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    Sheetala Saptami 2025 Date: कब मनाई जाएगी शीतला सप्तमी? एक क्लिक में पढ़ें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 05 Mar 2025 03:19 PM (IST)

    चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी (Sheetala Saptami 2025 Date) का व्रत रखा जाता है। इस शुभ अवसर पर साधक अपने घरों और मंदिरों में देवी मां शीतला की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। मां शीतला के शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।

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    Sheetala Saptami 2025 Date: शीतला सप्तमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शीतला अष्टमी पर्व का खास महत्व है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि, इस पर्व की शुरुआत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को होती है। शीतला अष्टमी के दिन जगत की देवी मां शीतला की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि देवी मां शीतला की पूजा करने से साधक को आरोग्यता का वरदान मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। आइए, शीतला सप्तमी (Sheetala Saptami 2025 Date) और अष्टमी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    शीतला सप्तमी शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 21 मार्च को देर रात 02 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। शीतला सप्तमी पर पूजा के लिए शुभ समय 21 मार्च को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 33 मिनट तक है। इस दौरान साधक देवी मां शीतला की पूजा कर सकते हैं।

    शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त

    चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन ही बसौड़ा मनाया जाएगा। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मां शीतला की विशेष पूजा की जाती है।

    शीतला सप्तमी शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें सिद्धि योग शाम 06 बजकर 42 मिनट तक है। इस योग में मां शीतला की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता एवं सिद्धि मिलेगी। इसके साथ ही शीतला सप्तमी पर रवि योग का भी संयोग है। इस योग में मां शीतला की साधना करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। वहीं, भद्रावास का योग दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।