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    Sheetala Ashtami 2025: इस साल कब मनाई जाएगी शीतला अष्टमी, जानें इस दिन का महत्व

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 12:01 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है जिसे बासोड़ा पूजा भी कहा जाता है। इस दिन पर मुख्य रूप से शीतला माता की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें एक दिन पहले बनाए गए यानी बासी खाने का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल शीतला अष्टमी का व्रत कब किया जाएगा।

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    Sheetala Ashtami 2025 शीतला अष्टमी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शीतला माता (Sheetla Mata) को स्वच्छता एवं आरोग्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। साथ ही यह भी मान्यता चली आ रही है कि जो साधक इस दिन व्रत करता है और माता शीतला को लगाया गया बासी भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करता है उसे कई रोगों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत मुख्य रूप से होली के 8 दिन बाद किया जाता है।

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    शीतला माता पूजा मुहूर्त (Shitala Ashtami Puja Muhurat)

    चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तिथि 22 मार्च को प्रातः 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 23 मार्च को प्रातः 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदया तिथि को देखते हुए शीतला अष्टमी का व्रत शनिवार, 22 मार्च 2025 के दिन किया जाएगा। इस दौरान शीतला माता के पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    शीतला अष्टमी का पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शाम 06 बजकर 33 मिनट तक

    शीतला अष्टमी का महत्व

    शीतला अष्टमी या बासोड़ा पर्व के दिन घरों में भोजन पकाने के लिए आग नहीं जलाई जाती। इसलिए माता को चढ़ने वाला प्रसाद एक दिन पहले ही तैयार कर लिया जाता है। माना जाता है कि, देवी शीतला अपने भक्तों की कई रोगों से रक्षा करती हैं।

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    शीतला अष्टमी पूजा विधि

    शीतला अष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शीतला माता का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। अब एक पूजा थाली में एक दिन पहले बनाया गया प्रसाद जैसे मीठे चावल, हलवा, पूरी आदि रख लें।

    इसी के साथ आटे के दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत, वस्त्र, बड़कुले की माला, मेहंदी, सिक्के आदि भी रख लें। शीतला माता को जल अर्पित करने के बाद पूजा की सामग्री अर्पित करें। अंत में व्रत कथा सुनकर माता की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।