Falgun Amavasya 2025 Yoga: शिव और सिद्ध योग में मनाई जाएगी फाल्गुन अमावस्या, मिलेगा दोगुना फल
सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या (Falgun Amavasya 2025 Yoga Benefits) का खास महत्व है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां गंगा की पूजा करने से साधक को अक्षय और अमोघ फल की प्राप्ति होती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन पूजा जप-तप और दान करने से साधक को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है। फाल्गुन महीने में होली मनाई जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Falgun Amavasya 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही देवों के देव महादेव की पूजा एवं भक्ति करते हैं। फाल्गुन अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि फाल्गुन अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त (Falgun Amavasya Shubh Muhurat)
फाल्गुन अमावस्या की शुरुआत 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, फाल्गुन अमावस्या की समाप्ति 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर होगी। उदया तिथि गणना अनुसार 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या मनाई जाएगी।
शुभ योग (Falgun Amavasya Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग (Falgun Amavasya Shiva Yoga significance) का संयोग देर रात तक है। इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 41 मिनट पर होगा। इसके बाद सिद्धि योग (Falgun Amavasya Siddha Yoga benefits) का संयोग है। वहीं, शिववास योग का भी संयोग रात भर है। इन योग में गंगा स्नान करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे। साथ ही भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। इस समय में देवों के देव महादेव का अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
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