Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bagalamukhi Jayanti 2025: बगलामुखी जयंती पर इस विधि से करें मां की आराधना, जानें पूजा से जुड़ी सभी बातें

    Updated: Mon, 05 May 2025 09:58 AM (IST)

    बगलामुखी जयंती मां बगलामुखी को समर्पित है। इस दिन सच्चे मन और विधि-विधान से मां की आराधना करने से भक्तों को जीवन में सफलता सुरक्षा और शांति मिलती है। यह दिन नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है तो आइए इस दिन (Bagalamukhi Jayanti 2025) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं जो इस प्रकार है।

    Hero Image
    Bagalamukhi Jayanti 2025:मां बगलामुखी का पूजा का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है। इस साल यह पावन तिथि आज यानी 5 मई को पड़ रही है। मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं और उन्हें शत्रु नाशक, विजय प्रदायिनी तथा नकारात्मक ऊर्जा का विनाश करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन (Bagalamukhi Jayanti 2025) मां की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मां बगलामुखी का पूजा का महत्व (Bagalamukhi Puja Significance)

    मां बगलामुखी को पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्हें पीला रंग बहुत प्रिय है। वे शक्ति और तेज का स्वरूप हैं और अपने भक्तों को हर तरह की बाधाओं और संकटों से रक्षा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि मां बगलामुखी की उपासना से वाक् सिद्धि प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति अपने शब्दों से दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

    कहते हैं कि कानूनी मामलों, वाद-विवादों और शत्रुओं पर विजय पाने के लिए मां बगलामुखी की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।

    बगलामुखी जयंती पूजा विधि (Bagalamukhi Puja Vidhi)

    सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और मां बगलामुखी की प्रतिमा स्थापित करें। मां को पीला रंग प्रिय होने के कारण उन्हें पीले फूल, पीली मिठाई, पीले फल और पीले वस्त्र चढ़ाएं।

    पूजा में धूप, दीप और पीले चंदन का तिलक लगाएं। मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप करें।

    बगलामुखी चालीसा का पाठ करें। इस दिन मां बगलामुखी की कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। पूजा का समापन आरती से करें। तामसिक चीजों से परहेज करें।

    भोग (Bagalamukhi Jayanti 2025 Bhog List)

    मां बगलामुखी को पीले रंग का भोग अर्पित किया जाता है। इसमें बेसन के लड्डू, पीले रंग की बर्फी, बूंदी, पीले फल जैसे केला और आम, तथा पीली खिचड़ी आदि शामिल किए जा सकते हैं। भोग अर्पित करने के बाद इसे प्रसाद के रूप में जरूर बांटना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: Sita Navami पर भगवान राम संग करें देवी जानकी की भव्य आरती, रिश्ते में आएगी मिठास

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।