Akhuratha Sankashti Chaturthi के दिन इन गलतियों से नाराज हो सकते हैं गणेश जी, यहां पढ़ें व्रत के नियम
हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। साथ ही नियम का पालन करना अधिक जरुरी होता है। माना जाता है कि नियम का पालन न करने से जातक पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर को है। मान्यता है कि इस दिन उपासना और दान करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ गलतियों को करने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और गणेश जी नाराज हो सकते हैं। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024 Vrat Niyam) के दिन क्या करें और क्या न करें?
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या करें (What to do on the day of Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024)
- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के सच्चे मन से उपासना करनी चाहिए।
- सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें।
- गणेश जी को मोदक और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
- भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- व्रत का पारण अगले दिन करना चाहिए।
- जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या न करें (What not to do on the day of Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024)
- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा घर और परिवार में किसी से वाद-विवाद भूलकर भी न करें।
- सुबह की पूजा करने के बाद दिन में सोने की मनाही है।
- बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें। ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती है।
- धन की बर्बादी करने से बचें।
- घर और मंदिर को गंदा न रखें।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, इस बार पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 02 मिनट पर होगा। इस प्रकार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर (Kab Hai Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024) को किया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक
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