गीता के इस श्लोक ने बनाया ऐश्वर्या राय के कान्स लुक को खास, क्या आप जानते हैं इसका सार?
ऐश्वर्या राय बच्चन कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में बनारसी ब्रोकेड केप में नजर आईं जिस पर भगवद गीता का श्लोक लिखा था। इस श्लोक में भगवान कृष्ण अर्जुन को कर्म करने और फल की चिंता न करने का उपदेश देते हैं। इसका सार यह है कि व्यक्ति को बिना स्वार्थ भाव से कर्म करते रहना चाहिए और निराश होकर गलत फैसले लेने से बचना चाहिए।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 के रेड कार्पेट पर हाल ही में एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने शिरकत ली, जिनके लुक्स ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अदाकारा के दूसरे दिन (Cannes 2025) के लुक्स में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। दरअसल, एक्ट्रेस (Aishwarya Rai Bachchan) बनारसी ब्रोकेड केप पहनी नजर आईं, जिसपर भगवद गीता का एक संस्कृत श्लोक लिखा हुआ था, आइए वाराणसी में हाथ से बुने गए इस श्लोक का अर्थ जानते हैं।
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श्लोक
''कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि''॥
अर्थ - गीता के इस श्लोक में भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि ''आपको सिर्फ अपने कर्म करने का अधिकार है, लेकिन उन कर्मों के फलों का नहीं। कर्म के फलों को अपना उद्देश्य न बनने दें, न ही उसके प्रति किसी भी तरह की आसक्ति (मोह) रखें।''
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गीता के इस श्लोक का सार
भगवद्गीता के इस श्लोक (Bhagavad Gita Sloka) में "कर्मयोग" का सार है कि कैसे? किसी भी व्यक्ति को बिना स्वार्थ भाव से अपना कर्म करना चाहिए और अपने सभी कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिए। हालांकि कई बार जीवन में ऐसे भी पल आते हैं, जिसमें व्यक्ति निराश होकर गलत फैसले ले लेता है, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए।
क्योंकि सभी को समय के अनुसार उचित फलों की प्राप्ति होती है। वहीं, जो लोग ऐसा करने में सफल होते हैं, उन्हें कभी जीवन में निराशा का सामना नहीं करना पड़ता है।
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