Aaj ka Panchang 18 April 2025: वैशाख कृष्ण पंचमी पर बन रहे हैं ये शुभ-अशुभ योग, पढ़ें आज का पंचांग
आज के दिन यानी शुक्रवार 18 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। पंचांग के अनुसार इस तिथि पर कई योग भी बन रहे हैं जिनमें से कुछ को ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना गया है तो वहीं कुछ योग अशुभ भी माने गए हैं। आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) और शुभ मुहूर्त के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने पर धन की देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं। कई साधक इस दिन पर वैभव लक्ष्मी व्रत भी करते हैं। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं शुक्रवार के दिन बन रहे शुभ-अशुभ मुहूर्त।
आज का पंचांग (Panchang 18 April 2025)
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि समाप्त - शाम 05 बजकर 09 बजे तक
नक्षत्र - ज्येष्ठा
वार - शुक्रवार
ऋतु - वसंत
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 51 मिनट पर
चंद्रोदय - रात 11 बजकर 44 मिनट से
चन्द्रास्त - सुबह 09 बजकर 25 मिनट पर
चन्द्र राशि - वृश्चिक
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 32 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 55 मिनट से शाम 07 बजकर 17 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 14 मिनट से देर रात 01 बजकर 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 14 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक
यह भी पढ़ें - Kalashtami 2025: अप्रैल महीने में कब है कालाष्टमी? इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा
(Picture Credit: Freepik) \
अशुभ समय
राहुकाल - सुबह 10 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 42 मिनट से सुबह 09 बजकर 23 मिनट तक
विंछुड़ो - सुबह 06 बजकर 18 मिनट से सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक
गण्ड मूल - पूरे दिन
दिशा शूल - पश्चिम
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ
यह भी पढ़ें - Shani Jayanti 2025: कब और क्यों मनाई जाती है शनि जयंती? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।