Aaj ka Panchang 14 June 2025: आज मनाई जा रही है कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी, पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। आज कई योग भी बन रहे हैं। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang) के बारे में।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। आज यानी 14 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही साधक को गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त होती है। इस तिथि पर कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग (Aaj ka Panchang 14 June 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण तृतीया
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: शनिवार
संवत्: 2082
तिथि: तृतीया दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक। इसके बाद चतुर्थी तिथि की शुरुआत होगी।
योग: ब्रह्म दोपहर 01 बजकर 13 मिनट तक
करण: विष्टि दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक
करण: बव प्रातः 03 बजकर 51 मिनट तक, 15 जून
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
चंद्रोदय: रात 10 बजकर 07 मिनट पर
चन्द्रास्त: सुबह 07 बजकर 43 मिनट पर
सूर्य राशि: वृषभ
चंद्र राशि: धनु
पक्ष: कृष्ण
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शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रात 05 बजकर 23 मिनट से प्रात 07 बजकर 08 मिनट तक
यमगंडा: दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से शाम 03 बजकर 51 बजे मिनट तक
राहु काल: प्रात: 08 बजकर 52 मिनट से दोपहर 10 बजकर 37 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र: 15 जून को प्रात: 12 बजकर 22 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: मौन स्वभाव, बुद्धिमत्ता, ज्ञानार्जन, सीखने की प्रवृत्ति, अध्ययनशील, संकोची
नक्षत्र स्वामी: चंद्रमा
राशि स्वामी: शनि
देवता: विष्णु (रक्षक)
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी अवधि-
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी आरंभ-14 जून को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी समाप्त- 15 जून को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक
हर साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि आज यानी 14 जून 2025 को पड़ रही है। यह पावन दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है, जिन्हें विशेष रूप से एकदंत स्वरूप में पूजा जाता है।
इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख, सौभाग्य, आय और संतान संबंधी सुखों में वृद्धि होती है। साथ ही, इच्छित फल की प्राप्ति भी होती है।
यदि मन में कोई विशेष कामना हो, तो इस दिन स्नान-ध्यान के बाद पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। पूजा के साथ-साथ व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह व्रत की पूर्णता और फल की सिद्धि के लिए आवश्यक माना गया है।
पूजा की विधि-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें।
- भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो को पूजा स्थान पर रखें।
- फूल, फल, मिठाई और दूर्वा चढ़ाएं।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप लगाएं।
- गणेश चतुर्थी स्तोत्र या गणेश मंत्र का पाठ करें।
- गणेश जी को मोदक या उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
- आरती करें और भगवान से अपनी मनोकामना करें।
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