Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर करें अपनी राशि के अनुसार उपाय, मिलेगा मनचाहा फल
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यह तिथि मुख्य रूप से भगवान गणेश को समर्पित मानी गई है। इस दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से साधक के सभी विघ्न दूर हो सकते हैं और सुख-शांति मिलती है। ऐसे में आप इस दिन पर राशि अनुसार उपाय कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यह तिथि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए काफी खास मानी जाती है। पंचांग के अनुसार, इस बार कृष्णपिङ्गल संकष्टी का व्रत शनिवार 14 जून को किया जाएगा। इस दिन पर चंद्र दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में चंद्रोदय का रात 10 बजकर 7 मिनट है।
राशि अनुसार उपाय
- मेष राशि - इस राशि के जातकों संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गजाननाय नमः' मंत्र का जप करना चाहिए। इसी के साथ बप्पा को लाल चंदन अर्पित करें।
- वृषभ राशि - इन राशि के लोगों को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थि के दिन 'ॐ गणेशाय नमः' मंत्र का जप करना चाहिए।
- मिथुन राशि - इन लोगों को गणपति जी को बेसन के लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए। इसी के साथ पूजा के समय 'ॐ द्वैमातुराय नमः' मंत्र का जप करें।
- कर्क राशि - संकष्टी चतुर्थी की पूजा कर्क राशि के लोग बप्पा को दूर्वा घास अर्पित करें। इसके साथ ही 'ॐ प्रमुखाय नमः' मंत्र का जप करें।
- सिंह राशि - एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन इस राशि के लोगों को गणेश जी को पंचामृत अर्पित करना चाहिए और 'ॐ विष्णुप्रियाय नमः' मंत्र का जप करना चाहिए।
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- कन्या राशि - कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ सुखनिधये नमः' मंत्र का जप करें और गणेश जी को पीला चंदन लगाएं।
- तुला राशि - आप संकष्टी चतुर्थी की पूजा के दौरान भगवान गणेश को पीला चंदन लगा सकते हैं। इसके साथ ही 'ॐ महावीराय नमः' मंत्र का जप करें।
- वृश्चिक राशि - भगवान गणेश का दही और शहद से अभिषेक कर सकते हैं और 'ॐ प्रमधाय नमः' मंत्र का जप करें।
- धनु राशि - इस राशि के जातक संकष्टी चतुर्थी की पूजा में 'ॐ भवात्मजाय नमः' मंत्र का जप करें। इसी के साथ गणेश जी को पीले रंग के फूल और पीले वस्त्र अर्पित करें।
- मकर राशि - इस राशि के जातक संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः' मंत्र का जप करें और साथ ही गणेश चालीसा का भी पाठ करें।
- कुंभ राशि - भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाएं और 'ॐ मोदकप्रियाय नमः' मंत्र का जप करें।
- मीन राशि - पूजा के दौरान 'ॐ मङ्गलप्रदाय नमः' मंत्र का जप करें। साथ ही गणपति जी को खीर का भोग लगाएं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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