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    Karwa Chauth 2025: चंद्र देव को अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जप, पति-पत्नी में बढ़ेगा बेपनाह प्यार

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 06:52 PM (IST)

    करवा चौथ का पर्व पति की लंबी आयु और मनचाहे जीवनसाथी के लिए मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां व्रत रखती हैं। चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर और छलनी से पति का दर्शन कर व्रत खोला जाता है। चंद्र देव की पूजा से करने से मनचाहा वरदान मिलता है। 

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    Karwa Chauth 2025: चंद्र देव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख रही हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने और शीघ्र विवाह के लिए करवा चौथ का व्रत रखी हैं। इस व्रत को करने से व्रती को मनोवांछित फल मिलता है।

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    karwa chauth puja

    करवा चौथ व्रत का समापन चंद्रोदय के बाद होता है। उस समय व्रती चंद्र देव को जल का अर्घ्य देकर छलनी से दर्शन करती हैं। इसके बाद छलनी से पति के चेहरे का दीदार करती हैं। इस समय पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।

    धार्मिक मत है कि चंद्र देव की पूजा करने से पति-पत्नी के मध्य रिश्ते मधुर होते हैं। साथ ही घर में सुख और शांति बनी रहती है। अगर आप भी चंद्र देव की कृपा पाना चाहती हैं, तो चंद्र देव को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का जप अवश्य करें।

     

    चंद्र देव के 108 नाम

     

    1. ॐ द्युतिलकाय नमः

    2. ॐ द्विजराजाय नमः

    3. ॐ ग्रहाधिपाय नमः

    4. ॐ ग्रसितार्काय नमः

    5. ॐ ग्रहमंडलमध्यस्थाय नमः

    6. ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः

    7. ॐ दांताय नमः

    8. ॐ महेश्वरप्रियाय नमः

    9. ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः

    10. ॐ विवस्वन्मंडलाग्नेयवासाय नमः

    11. ॐ दिव्यवाहनाय नमः

    12. ॐ चतुराय नमः

    13. ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः

    14. ॐ अव्ययाय नमः

    15. ॐ कर्कटप्रभुवे नमः

    16. ॐ करुणारससंपूर्णाय नमः

    17. ॐ प्रियदायकाय नमः

    18. ॐ अत्यंतविनयाय नमः

    19. ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः

    20. ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः

    21. ॐ कुंदपुष्पोज्वलाकाराय नमः

    22. ॐ धनुर्धराय नमः

    23. ॐ दंडपाणये नमः

    24. ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः

    25. ॐ श्वॆतगंधानुलेपनाय नमः

    26. ॐ श्वेतमाल्यांबरधराय नमः

    27. ॐ सितभूषणाय नमः

    28. ॐ सितांगाय नमः

    29. ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः

    30. ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः

    31. ॐ सर्वज्ञाय नमः

    32. ॐ सर्वागमज्ञाय नमः

    33. ॐ साधुवंदिताय नमः

    34. ॐ स्ॐयजनकाय नमः

    35. ॐ सकलार्तिहराय नमः

    36. ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः

    37. ॐ भव्याय नमः

    38. ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः

    39. ॐ निरामयाय नमः

    40. ॐ निर्विकाराय नमः

    41. ॐ निराहाराय नमः

    42. ॐ निस्सपत्नाय नमः

    43. ॐ जगदानंदकारणाय नमः

    44. ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः

    45. ॐ भवबंधविमोचनाय नमः

    46. ॐ भक्तिगम्याय नमः

    47. ॐ भायांतकृते नमः

    48. ॐ सागरोद्भवाय नमः

    49. ॐ सर्वरक्षकाय नमः

    50. ॐ सामगानप्रियाय नमः

    51. ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः

    52. ॐ भद्राय नमः

    53. ॐ मुक्तिदाय नमः

    54. ॐ भुक्तिदाय नमः

    55. ॐ मुक्तिदाय नमः

    56. ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः

    57. ॐ सुरस्वामिने नमः

    58. ॐ सुधामयाय नमः

    59. ॐ जयफलप्रदाय नमः

    60. ॐ जयिने नमः

    61. ॐ शुभ्राय नमः

    62. ॐ शुचये नमः

    63. ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः

    64. ॐ क्षीणपापाय नमः

    65. ॐ क्षपाकराय नमः

    66. ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः

    67. ॐ अमर्त्याय नमः

    68. ॐ मृत्युसंहारकाय नमः

    69. ॐ कामदायकाय नमः

    70. ॐ कामकृताय नमः

    71. ॐ कालहेतवे नमः

    72. ॐ कळाधराय नमः

    73. ॐ देवभोजनाय नमः

    74. ॐ द्युचराय नमः

    75. ॐ प्राकाशात्मने नमः

    76. ॐ स्वप्राकाशाय नमः

    77. ॐ अष्टदारुकुठारकाय नमः

    78. ॐ अनंताय नमः

    79. ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः

    80. ॐ शिष्टपालकाय नमः

    81. ॐ पुष्टिमते नमः

    82. ॐ दुष्टदूराय नमः

    83. ॐ दोषाकराय नमः

    84. ॐ विदुषांपतये नमः

    85. ॐ विश्वेशाय नमः

    86. ॐ वीराय नमः

    87. ॐ विकर्तनानुजाय नमः

    88. ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः

    89. ॐ जयोद्योगाय नमः

    90. ॐ जितेंद्रियाय नमः

    91. ॐ साधुपूजिताय नमः

    92. ॐ सत्पतये नमः

    93. ॐ सदाराध्याय नमः

    94. ॐ सुधानिधये नमः

    95. ॐ निशाकराय नमः

    96. ॐ ताराधीशाय नमः

    97. ॐ चंद्राय नमः

    98. ॐ शशिधराय नमः

    99. ॐ श्रीमते नमः

    100. ॐ द्विभुजाय नमः

    101. ॐ औदुंबरनागवासाय नमः

    102. ॐ उदाराय नमः

    103. ॐ रोहिणीपतये नमः

    104. ॐ नित्योदयाय नमः

    105. ॐ मुनिस्तुत्याय नमः

    106. ॐ नित्यानंदफलप्रदाय नमः

    107. ॐ सकलाह्लादनकराय नमः

    108. ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः।

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